मंगलवार, 9 जून 2020

आयन किसे कहते है ? आयन कितने प्रकार के होते है ? धनायन और ऋणायन की विशेषताओं को लिखें ?

आयन किसे कहते है ? आयन कितने प्रकार के होते है ? धनायन और ऋणायन की विशेषताओं को लिखें ?

आयन - 


   जब कोई परमाणु एक या एक से अधिक संयोजी इलेक्ट्रॉन का त्याग या ग्रहण कर धनाविष्ट या ऋणाविष्ट होता है तो ये परमाणु आयन कहलाता है |

    आयन दो प्रकार के होते है

( 1 ) धनायन
( 2 ) ऋणायन

( 1 ) धनायन - 

              जब कोई परमाणु एक या एक से अधिक संयोजी इलेक्ट्रॉन का त्याग कर धनाविष्ट होता है तो उसे धनाय, कहते है |

जैसे - सोडियम का परमाणु एक इलेक्ट्रॉन का त्याग कर सोडियम आयन में परिवर्तित हो जाता है |

( 2 ) ऋणायन - 


जब कोई परमाणु एक या एक से अधिक संयोजी इलेक्ट्रॉन का

ग्रहण कर ऋणाविष्ट हो जाता है तो उसे ऋणायन कहा जाता है |

      धनायन की विशेषतएँ 


( 1 ) धनायन पर धन आवेश  रहता है क्योंकि धनायन में प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉन की संख्या से अधिक रहती है |
(  2 )  किसी धनायन में अपने मूल परमाणु से कम इलेक्ट्रॉन रहता है | जैसे सोडियम (Na)  परमाणु में कुल 11 इलेक्ट्रान होते है लेकिन सोडियम आयन में 10 इलेक्ट्रॉन ही रहता है | (3)  परमाणु के धनायन में परिवर्तित हो जाने पर भी उसकी परमाणु संख्या अपरिवर्तित रहती है |
(4)  धनायन का आकार उसके मूल परमाणु के आकार से छोटा होता है |
(5) धनायन का इलेट्रॉनिक विन्यास उसके निकटतम उत्कृष्ट गैस से सदृश होता है |

    ऋणायन की विशेषताएँ  -  

(1)  ऋणायन पर ऋण आवेश रहता है |
(2)  ऋणायन में अपने मूल परमाणु से अधिक इलेक्ट्रान रहता है |
 (3) ऋणायन का आकार अपने मूल परमाणु के आकार से बड़ा होता है |
 (4)  मूल परमाणु के ऋणायन में परिवर्तित हो जाने पर उसके परमाणु संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
(5)  ऋणायन के गुण अपने मूल परमाणु के गुण से बिलकुल भिन्न होता है |
(6)  ऋणायन और उसके निकटतम उत्कृष्ट गैस के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक ही होते है |

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