शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

परिवहन किसे कहते हैं ? परिवहन के मुख्य साधन के बारे में बताएं ?भारतीय रेल परिवहन के बारे में वर्णन करें

 

    परिवहन  किसे कहते हैं ?

 एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रियों एवं वस्तुओं को लाना एवं ले जाना परिवहन कहलाता है | परिवहन कृषि एवं व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | परिवहन की सुविधा के कारण भौगोलिक दूरी बहुत कम हुआ  परिवहन के सुविधा के कारण विश्व कुछ ही घंटों की दूरी में सिमट गया है |





       परिवहन  के मुख्य साधन के बारे में बताएं  ?

           परिवहन के चार मुख्य साधन है 

                       (1) स्थल परिवहन 

                       (2) वायु परिवहन 

                       (3) जल परिवहन

                     (4) पाइप लाइन परिवहन 

          स्थल परिवहन क्या है 

 जब यात्रियों एवं वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने एवं लाने के लिए स्थल मार्ग  का प्रयोग किया जाता है | स्थल परिवहन कहा जाता है |

 यात्रियों वस्तुओं एवं सेवाओं का अधिकांश परिवहन स्थल मार्ग द्वारा ही होता है | गांव की गलियों से महानगरों एवं बंदरगाहों तक को जोड़ने में स्थल परिवहन की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है |

        स्थल परिवहन को दो वर्गों में बांट सकते हैं

          (i) सड़क परिवहन

          (ii) रेल परिवहन

            (i) सड़क परिवहन किसे कहते है 

 जब यात्रियों एवं वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने एवं लाने के लिए सड़क मार्ग का प्रयोग किया जाता है तो उसे सड़क परिवहन  कहते | सड़क परिवहन अपेक्षाकृत कम दुरियों के लिए सबसे सस्ता एवं सुलभ साधन है  |  जल परिवहन एवं रेल परिवहन की तुलना में सड़क परिवहन की पहुंच बहुत बेहतर है  क्योंकि यह घर के दरवाजे तक पहुंच जाती है | सड़क परिवहन के विकास एवं विस्तार पर भौगोलिक उच्चावचों  का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है |  इसी प्रभाव के कारण मैदानी भागों में सड़कों की सघनता अधिक होती है | अर्थात मैदानी भागों में सड़क परिवहन का विकास अधिक देखने को मिलता है जबकि पर्वतीय , वन्यीय  एवं मरुस्थलीय भागों में सड़क परिवहन का विकास बहुत कम हुआ है | सड़कों के विकास पर आर्थिक स्थिति का भी  प्रभाव होता है  इसलिए विकसित देशो में सड़कों का विकास अधिक हुआ है | 

 सड़क परिवहन को अधिक उपयुक्त बनाने के लिए या यात्रिओ  की अधिक सुविधा हेतु महामार्ग  का निर्माण किया जा रहा है | भारत में  अनेक महामार्ग जो प्रमुख शहरों एवं नगरों को जोड़ती है | जैसे राष्ट्रीय महामार्ग संख्या 7 जो वाराणसी  को कन्याकुमारी से जोड़ती है जो देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग है | सड़क परिवहन को और सुदृढ़ बनाने के लिए स्वर्णिम  चतुर्भुज परियोजना द्वारा प्रमुख महानगरों नई दिल्ली , मुंबई , बंगलुरु , चेनई  , कोलकाता , हैदराबाद को जोड़ने की योजना है |

  विश्व में सर्वाधिक सड़क मार्ग प्रथम स्थान पर अमेरिका द्वितीय स्थान पर चीन तृतीय स्थान पर भारत है |

            (ii) रेल परिवहन किसे कहते है 

 जब यात्रियों एवं वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने एवं लाने के लिए रेल मार्ग का प्रयोग करते है उसे रेल परिवहन कहा जाता है | रेल  परिवहन स्थल परिवहन का एक महत्वपूर्ण अंग है | विश्व में रेल मार्गों का सर्वाधिक जाल यूरोप एवं पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है | रेल औद्योगिक विकास के साथ-साथ राजनैतिक स्थिरता प्रदान करने में मदद करती हैं | 

                    विश्व के प्रमुख रेल मार्ग

                     ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग  

 ट्रांस साइबेरियन विश्व की सबसे लंबी रेल मार्ग इसकी लंबाई 9300 किलोमीटर से अधिक है यह मार्ग बाल्टिक सागर के तट पर स्थित लेनिनग्राद के सुदूर है | पूर्व में प्रशांत महासागर के तट पर स्थित ब्लाडीवोस्टक  तक के साथ जोड़ता है |

    भारतीय रेल परिवहन के बारे में वर्णन करें 

  भारतीय रेल नेटवर्क  विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है रेलवे परिवहन विश्व का सबसे बड़ा  नियोक्ता है यह भारत में  माल और यात्रियों के परिवहन का मुख्य साधन है  आज देश भर में रेल का व्यापक जाल बिछा हुआ है अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर एवं मेघालय राज्य भी रेलवे के मानचित्र पर 2014 से जुड़ गए हैं जो अभी तक इससे अछूता था रेल मार्ग की कुल लंबाई 66687 किलोमीटर है रेल मार्गो पर कुल 7216 स्टेशन स्थित है भारतीय रेल लगभग तीन करोड़ यात्रियों और 2.8 मिलियन टन माल को प्रतिदिन ढोती  है

    भारतीय रेल यात्रियों की दृष्टिकोण से सबसे सस्ती एवं सुलभ साधन है |

भारत में पहली रेल लार्ड डलहौजी के शासनकाल में 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बिच चलाई गई थी | इसकी कुल लम्बाई लगभग 34 किमी थी | भारत में दूसरी रेल लाइन 1854 में कोलकाता से रानीगंज (180 किमी )  बिछाई गई | तथा 1856 में  चेन्नई से अरकोनम के बीच रेल यातायात शुरू हुई

     भारत में तीन  रेलवे गेज  है

बड़ी लाइन अथवा ब्रॉड गेज   इसकी दोनों परियों की आपस की दूरी अर्थात चौड़ाई 1.676 मीटर होती है

 मीटर गेज या मध्यम लाइन  इसकी चौड़ाई 1 मीटर होती है अर्थात दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1 मीटर होती है

 छोटी लाइन या नैरोगेज इसकी चौड़ाई 0.762 मीटर तथा 0.610 मीटर इसका विस्तार मुख्यता पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित है

भारत में पहली विद्युतीकृत रेल लाइन लार्ड रीडिंग के शासनकाल में वर्ष 1925 में मुंबई से कुर्ला के बीच चलाई गई थी | 

विधुत से चलनेवाली पहली इंजन डेक्कन क्वीन था |

 भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की तीसरी रेल प्रणाली है |

भारत का पहला रेल जोंन मुंबई वीटी है जिसकी स्थापना 1951 में हुआ था |

भारत की सबसे लम्बी रेल सुरंग पीर - पंजाल रेल सुरंग है |

भारत में सबसे लम्बा रेल मार्ग  असम  के  डिब्रूगढ़ से  कन्याकुमारी तक है |

भारत में सबसे लम्बी दूरी तक चलने वाली रेलगाड़ी विवेक एक्सप्रेस है |जो डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक चलती है |

एक्वर्थ कमिटी के रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1924 से रेल वजट को आम वजट से अलग किया गया था |

भारतीय रेलवे को सफल सञ्चालन के लिए 17 रैल जोनो में विभाजित किया है |

क्र .सं .             जोन का नाम                 मुख्यालय 

(1)                उत्तरी रेलवे                      दिल्ली 

(2)              उत्तरी पूर्वी रेलवे                   गोरखपुर 

 (3)              उत्तरी पश्चिम रेलवे              जयपुर 

 (4)              उत्तरी  मध्य रेलवे                प्रागराज 

  (5)             दक्षिण रेलवे                       चेनई 

  (6)              दक्षिण पूर्वी रेलवे               कोलकाता 

  (7)        दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे             बिलासपुर 

  (8)        दक्षिण पश्चिम रेलवे                  हुबली 

  (9)         मध्य रेलवे                            मुंबई वीटी

  (10)        पूर्वी रेलवे                          कोलकाता 

  (11)     पूर्वी मध्य रेलवे                      हाजीपुर 

  (12)    पूर्वी तटवर्ती रेलवे                   भुवनेश्वर 

  (13)  उत्तर पूर्वी सीमांत प्रांत रेलवे      मालीगांव गुवाहाटी

  (14)  दक्षिण मध्य रेलवे                     सिकंदराबाद

  (15)  पश्चिम रेलवे                             मुंबई चर्चगेट

  (16) पच्छिम मध्य रेलवे                    जबलपुर 

  (17) कोलकाता मेट्रो                        कोलकाता 

         कोंकण रेल परियोजना के बारे में बताएं 

   कोंकण रेल परियोजना मार्च 1990 में गोवा , महाराष्ट्र , कर्णाटक तथा केरल के बीच छोटे से छोटे रेलवे मार्ग द्वारा एक लिंक प्रदान करने के लिए यह परियोजना  परियोजना प्रारम्भ की गई थी | जिसे 1984 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था | इस परियोजना में  रहा से मंगलौर के बीच 760 किमी की दुरी सम्मिलित है | 26 जनवरी , 1998  को इस परियोजना का कार्य पूरा कर लिया गया था | इस दिन रोहा (महाराष्ट्र ) से मंगलौर (कर्णाटक ) तक  पूरे रेल मार्ग पर यातायात प्रारंभ हो गया |

                कैनेडियन पैसिफिक रेल मार्ग 

कैनेडियन पैसिफिक रेलमार्ग कनाडा के पूर्वी तट पर स्थित हेलीफैक्स को प्रशांत महासागर के तट पर स्थित एक  फ्रेजर नदी के मुहाने पर स्थित वैंकूबर नगर से मिलता है | यह रेलमार्ग 7050 किमी लम्बी है |

             ऑस्ट्रेलियन ट्रांस महाद्वीपीय रेलमार्ग

 ऑस्ट्रेलियन ट्रांस महाद्वीपीय रेलमार्ग ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर स्थित नगर सिडनी को पश्चिम में स्थित पर्थ से जोड़ता है | यह इस महाद्वीप का सबसे लंबा रेल मार्ग है |

                     ट्रांस  एण्डीज  रेल मार्ग

 ट्रांस  एण्डीज  रेल मार्ग दक्षिणी अमेरिका का यह रेल मार्ग चिल्ली के वालप्रेजो नगर को  महाद्वीप के दूसरे किनारे पर स्थित है ब्यूनर्स आयर्स  नगर को जोड़ती है |

                  ट्रांस एशियन रेलवे नेटवर्क

          ट्रांस एशियन रेलवे नेटवर्क यूरोप व एशिया में एकीकृत रेलवे नेटवर्क बनाने की योजना जिसकी लंबाई 117500 किलोमीटर है | जो 28 सदस्य देशों को अपनी सेवा प्रदान करेगी ट्रांस एशिया रेलवे नेटवर्क परियोजना 1992 में प्रारंभ हुई थी  जो संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग के लिए एशिया और प्रशांत क्षेत्र की परियोजना है | यह परियोजना निर्माणाधीन है तथा जल्द पूरी हो जाने की संभावना है |

               रेल परिवहन में लम्बाई के दृष्टिकोण  प्रथम स्थान पर अमेरिका द्वितीय स्थान पर चीन तृतीय स्थान पर रूस तथा चतुर्थ स्थान पर भारत है |


        वायु परिवहन किसे कहते है 

 जब यात्रियों ,  वस्तुयो , एवं सेवाओं  को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने एवं लाने के लिए वायु मार्ग का प्रयोग किया जाता है तो उसे वायु परिवहन कहा जाता है | वायु परिवहन की सुविधा होने के फलस्वरूप आज विश्व में बहुत ही कम समय में घुमा जा सकता है | वायु परिवहन के कारन आज एक देश से दूसरे देश जाना बहुत आसान हो गया है |

    वायु परिवहन  दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच एवं सामरिक महत्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है | वायु मार्ग सदा ही  भूमि की बनावट और वृहत वृतीय  मार्ग का अनुसरण करती हैं | विश्व के कुल वायु  मार्गो के 60% भाग  का प्रयोग  अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है |


        जल परिवहन किसे कहते है 

 जब यात्रियों एवं वस्तुओं तथा सेवाओं  को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने एवं लाने के लिए  जल मार्ग का प्रयोग किया जाता है उसे जल परिवहन कहा जाता है |  प्रारंभ में भी परिवहन के लिए जल मार्गों का उपयोग किया जाता था | अधिक दूरी तक भारी व बड़े आकार वाले सामानों को ढोने के लिए जलमार्ग सबसे सस्ता साधन होता था |  अभी भी अधिक दूरी से भारी बा बड़े आकार वाले सामानों को ढोने के लिए जल परिवहन का इस्तेमाल किया जाता है |  इस परिवहन के लिए महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जल मार्ग बनाने के लिए  किसी चीज की आवश्यकता नहीं पड़ती है अर्थात कहा जा सकता है कि जल मार्ग का निर्माण नहीं करना पड़ता है | जल मार्ग में परिवहन बहुत सस्ता होता है क्योंकि जल का  घर्षण स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है | जल परिवहन के ऊर्जा लागत अपेक्षाकृत बहुत कम होता है |

      जल परिवहन को दो भागों में बांटा जा सकता है 

               (i) समुद्री  मार्ग  

              (ii)  आंतरिक जलमार्ग

                        (i) समुद्री मार्ग

                    समुद्री मार्ग के मुख्य फायदे   

 समुद्री मार्ग में कोई रखरखाव लागत नहीं होता है |

 स्थल व वायु परिवहन की अपेक्षा  सस्ता होता है सभी दिशाओं में  मुड़ सकने वाले महामार्गों का सागरो द्वारा निर्माण  भारी पदार्थों का एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक पहुंचने का सस्ता साधन शीघ्र नाशवान वस्तु के लिए वातानुकूलित सुविधाओं से युक्त पोत

                    महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग     

                 (i) उत्तर अटलांटिक समुद्री मार्ग 

 उत्तर अटलांटिक समुद्री जलमार्ग विश्व के व्यस्ततम व्यापारिक जलमार्ग है | क्योंकि एक चौथाई विदेशी व्यापार इसी मार्ग से  होता है | यह मार्ग विकसित देशों के मध्य स्थित है जो उत्तर पूर्वी अमेरिका पश्चिमी यूरोप को जोड़ता है | इस मार्ग को वृहत ट्रंक मार्ग भी कहा जाता है |

           (ii) भूमध्य सागर - हिंद महासागरीय समुद्री मार्ग  

 यह समुद्री मार्ग किसी भी अन्य मार्ग की अपेक्षा अधिक देशों और लोगों को सेवाएं प्रदान करती है | औधोगिक पश्चिमी यूरोपीय प्रदेश को पश्चिमी अफ्रीका दक्षिण अफ्रीका दक्षिण पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की वाणिज्यिक कृषि व  पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्थाओं से जोड़ता है | स्वेज नहर खुल जाने से इन देशों के बीच की दूरी 6400 किमी कम हो गई है | 

             (iii) उत्तरी प्रशांत समुद्री जलमार्ग   

 यह जलमार्ग उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट के पत्तनो  को एशिया के पत्तनो  से जोड़ता है |  

            (iv)  दक्षिणी प्रशांत समुद्री जलमार्ग  

 यह जलमार्ग पश्चिम यूरोप और उत्तरी अमेरिका को ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और पनामा नहर से होते हुए प्रशांत महासागर में फैले द्वीपों  तक विस्तृत है होनोलुलु इस  मार्ग पर स्थित महत्वपूर्ण पतन है | 

                     नौ  परिवहन नहरे   

  स्वेज और पनामा दो ऐसी  मानव निर्मित नहर है अथवा जलमार्ग है |जो पूर्वी एवं पश्चिमी विश्व दोनों के लिए ही प्रवेश द्वार का काम करती है |

                  स्वेज नहर के बारे बताएं 

सन 1854  में  फ्रेंच  इंजीनियर फर्डिनेंड डी लैसेप्स ने स्वेज  नहर का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जो 1869 ई. में बनकर तैयार हुआ |  वर्तमान समय में स्वेज नहर की लंबाई लगभग 164 किलोमीटर (163.30 किमी ) और 11 से 15 मीटर गहरी है |  इस नहर से होकर लगभग 100 जलयान आवागमन करते हैं इस नहर को पार करने में जलयान को 10 से 12 घंटे का समय लगता है |

                            नई स्वेज नहर

 स्वेज नहर की क्षमता में वृद्धि करने के लिए नई स्वेज नहर नाम से एक 35 किमी नहर बनाई गई है | इस  नहर का निर्माण विपरीत  दिशा में चलने वाले जहाजों के  पृथक आवागमन  के लिए किया गया है |

           पनामा नहर के बारे में वर्णन करे 

 पनामा नहर  पूर्व में अटलांटिक महासागर को पश्चिम में प्रशांत महासागर से  जोड़ती है | इसका निर्माण पनामा जलसंधि के आरपार पनामा नहर एवं कोलोन के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा  वर्ष  1914 ई.  में किया गया | जिसमें दोनों ही और के 8 किमी क्षेत्र को खरीद कर इसे नहर मंडल का नाम दिया गया | इसकी लंबाई 77 किलोमीटर है जो लगभग 12 किमी लंबी अत्यधिक गहरी कटान से   युक्त है  इस नहर को चालू हो जाने से न्यूयॉर्क  एवं सेनफ्रांसिस्को के  मध्य लगभग 13000 किमी की दूरी कम हो गई है | इस नहर का आर्थिक महत्व स्वेज नहर की अपेक्षा  बहुत कम है  फिर भी दक्षिणी अमेरिका की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है |

                          आंतरिक जलमार्ग

 नदियों एवं  झीलों  का उपयोग करके आंतरिक जलमार्ग के उपयोग में लाया जा सकता है | नदियां , नहरे , झीले  तथा तटीय क्षेत्र प्राचीन समय से ही महत्वपूर्ण जलमार्ग रहे हैं | नावे , स्टीमर यात्रिओ  तथा माल वाहन हेतु परिवहन के साधन के रूप में उपयोग किया जाता है जल मार्गों का विकास नहरो  की नौगम्यता ,  चौड़ाई और गहराई  जल प्रवाह की निरंतरता तथा उपयोग में लाए जाने वाली परिवहन प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है | अतः  आंतरिक जलमार्ग स्थानों पर परिवहन का प्रमुख साधन है जहां नदी चौड़ी गहरी एवं गाद   से मुक्त है |

                 पाइपलाइन के बारे में बताएं 

 जल पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जैसे तरल एवं गैसीय पदार्थों की अबाधित प्रवाह   और परिवहन के लिए पाइप लाइनों का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है | विश्व के अनेक भागों में रसोई गैस अथवा एलपीजी की आपूर्ति पाइप लाइनों द्वारा की जाती है| पाइपलाइन परिवहन का एक सुरक्षित व अबाधित  साधन है | लेकिन प्रारंभिक लागत बहुत अधिक होती है | तथा एक से अधिक देशों से गुजरने वाली पाइप लाइनों की स्थापना में भू  राजनीतिक समस्याएं पैदा होती है|