गुरुवार, 4 जनवरी 2024

श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षाकृत स्थलीय जीव किस प्रकार लाभदायक है ?

    श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की  अपेक्षाकृत स्थलीय जीव किस प्रकार लाभदायक है  ?

    

श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की  अपेक्षाकृत स्थलीय जीव किस प्रकार लाभदायक है  ?

         
          
                वैसे जीव जो जल में निवास करता है वे जीव  अपने 
  यापन के लिए जल में घुली हुई ऑक्सीजन का प्रयोग करती है |     लेकिन जल  जल में घुली  हुई ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम 
 होती है इसलिए जलीय जीव में श्वशन की दर अधिक होती है |

                 जबकि स्थलीय जीव को देखे तो पर्याप्त ऑक्सीजन       वाले वातावरण में रहता है  | जो वातावरण से अपनी  श्वशन 
 अंगो के द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करता है | इसलिए इसका 
 श्वशन दर काफी कम होता है | 

               इसलिए हम कह सकते है श्वशन के लिए ऑक्सीजन           ग्रहण करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय
  जिव ज्यादा लाभप्रद होता है | 


जलीय जीवों की तुलना में स्थलीय जीवों को श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने में कई फायदे होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:

 * ऑक्सीजन की उपलब्धता:

   * स्थलीय जीव: हवा में ऑक्सीजन की सांद्रता लगभग 21% होती है, जो बहुत अधिक और स्थिर होती है। इससे स्थलीय जीवों को श्वसन के लिए प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन आसानी से मिल जाती है।
   * जलीय जीव: पानी में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा हवा की तुलना में बहुत कम होती है (लगभग 0.5% से 1% तक, तापमान और लवणता के आधार पर)। ठंडे पानी में अधिक ऑक्सीजन घुलती है, लेकिन फिर भी हवा की तुलना में काफी कम होती है। इसलिए, जलीय जीवों को ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है।

 * गैस विनिमय की दक्षता:

   * स्थलीय जीव: स्थलीय जीवों (जैसे स्तनधारी) के फेफड़े सीधे हवा के संपर्क में होते हैं, जिससे गैस विनिमय (ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना) बहुत कुशल होता है। फेफड़ों की सतह को नम रखने के लिए उन्हें केवल थोड़ी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है।
   * जलीय जीव: जलीय जीवों (जैसे मछलियाँ) को अपने गलफड़ों से बड़ी मात्रा में पानी गुजारना पड़ता है ताकि उसमें से ऑक्सीजन को निकाला जा सके। पानी हवा की तुलना में सघन और अधिक चिपचिपा होता है, इसलिए पानी को गलफड़ों से गुजारने में अधिक ऊर्जा खर्च होती है।

 * ऑक्सीजन का परिवहन:

   * स्थलीय जीव: हवा में ऑक्सीजन का प्रसार पानी की तुलना में बहुत तेज होता है। फेफड़ों में ऑक्सीजन तेजी से रक्त में घुल जाती है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाई जाती है।
   * जलीय जीव: पानी में ऑक्सीजन का प्रसार धीमा होता है, जिससे जलीय जीवों को ऑक्सीजन को कुशलतापूर्वक अवशोषित करने के लिए विशेष अनुकूलन (जैसे बड़े और पतले गलफड़े) की आवश्यकता होती है।

 * तापमान का प्रभाव:

   * स्थलीय जीव: हवा में ऑक्सीजन की उपलब्धता तापमान से सीधे प्रभावित नहीं होती है।
   * जलीय जीव: पानी का तापमान बढ़ने पर उसमें घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। गर्म पानी में जलीय जीवों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब पानी में कार्बनिक पदार्थ अधिक हों और सूक्ष्मजीवों द्वारा ऑक्सीजन का उपभोग हो रहा हो।
संक्षेप में, स्थलीय जीव हवा में प्रचुर मात्रा में और आसानी से उपलब्ध ऑक्सीजन का लाभ उठाते हैं, जबकि जलीय जीवों को पानी में ऑक्सीजन की कम सांद्रता, इसके धीमे प्रसार और इसे कुशलतापूर्वक निकालने के लिए अधिक ऊर्जा खर्च करने की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।



          
     

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