शनिवार, 26 जून 2021

चन्द्रमा के बारे में बताएं

 

                चन्द्रमा  


चन्द्रमा  पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है | चंद्रमा की विशिष्ट स्थिति तथा सापेक्षिक गति के कारण ही  चंद्रमा के विभिन्न कलाओं का निर्माण होता है | चंद्रमा एक प्रकाशहिन पिंड  है  | अर्थात चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं है  | यह सूर्य के प्रकाश के द्वारा प्रकाशित होता है | लेकिन इसके गोल आकृति के कारण जब इसके आधे भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो शेष आधा भाग अंधकार में रहता है |  और यह प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है | चंद्रमा का घूर्णन और परिक्रमण समय समान 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट होने के कारण चंद्रमा का केवल आधा भाग ही हमेशा पृथ्वी की ओर रहता है | जब चंद्रमा अपनी परिक्रमण गति के समय जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से न्यूनतम दूरी पर होता है | तो उस स्थिति को उपभु कहा जाता है | तथा जब अधिकतम दूरी पर होता है | तो उस स्थिति को अपभू भी कहा जाता है | 

  पृथ्वी से हम केवल चंद्रमा के प्रकाशित भाग को ही घटता बढ़ता देखते हैं | जब चंद्रमा का प्रकाशित भाग प्रतिदिन बढ़ता जाता है | तो उसे शुक्ल पक्ष कहा जाता है | तथा जब चंद्रमा का प्रकाशित  बराबर  घटता रहता है | तो उसे कृष्ण पक्ष कहा जाता है | चंद्रमा के इस घटते बढ़ते स्वरूप को ही चंद्रमा की कलाएं कहा जाता है | चंद्रमा की गति के कारण चंद्रमा का दिन प्रतिदिन स्वरूप बदलता है | 

               चन्द्रमा के लिए मुख्य तथ्य 

 पृथ्वी से अधिकतम दूरी 406000 किलोमीटर (अपभु )

 पृथ्वी से  न्यूनतम दूरी 364000 किमी ( उपभु )

 पृथ्वी से औसत दूरी 384365 किमी

 तापमान दिन में 100° C रात में -180° C 

 भार पृथ्वी के भार  भार का 1/6 

 ब्यास 3476 की में

 समय चंद्रमा के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगा समय  1.3 सेकंड

 रासायनिक संगठन सिलिकॉन लोहा एवं मैग्निश 


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