सोमवार, 29 नवंबर 2021

भारत के स्थिति और विस्तार के बारे में बताएं , भारत की भू - आकृति के बारे में बताएं

 

      भारत की भू - आकृति  के बारे में बताएं 

      भारत की स्थिति और विस्तार 

भारत 8°4´ से 37°6´ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7´ से 97°25´  पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है | इस प्रकार भारत का अक्षांशीय तथा देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है | कश्मीर से कन्याकुमारी तक उत्तर दक्षिण दिशा में इसकी लंबाई 3214 किलोमीटर है | जबकि कच्छ के रन से अरुणाचल प्रदेश तक पूर्व पश्चिम दिशा में इसकी चौड़ाई 2933 किलोमीटर है |

   यद्यपि भारत का अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार लगभग एक समान अर्थात 30° है |  लेकिन किलोमीटर में इसका उत्तर दक्षिण विस्तार इसके पूर्व पश्चिम विस्तार की अपेक्षा अधिक है | इसका मुख्य कारण यह है कि ध्रुवों की ओर जाते समय दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी घट जाती है | जबकि दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी लगभग एक ही रहती है |  भारत की समुद्री सीमा समुद्र की ओर 12 समुद्री मील तक फैली हुई है |

 कर्क रेखा  भारत की  गुजरात , राजस्थान , मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ , झारखंड , पश्चिम बंगाल , त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्यों से गुजरती है |  तथा भारत को लगभग दो  बराबर भागों में बांटती है |  कर्क रेखा के उत्तर का भारतीय भूभाग अधिक चौड़ा है , जबकि कर्क रेखा के दक्षिण में भारतीय भूभाग धीरे धीरे शंकरा होता जाता है ,  और हिंद महासागर को दो भागों में  बांटता है जिसे पश्चिम में अरब सागर तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी कहा जाता है | भारत का दक्षिणी भाग  एक  प्रायद्वीप के रूप में स्थित है | 

82°30´  पूर्वी देशांतर को भारत का मानक देशांतर रेखा कहा जाता है , जो हमें भारत का मानक समय बताता है | मानक देशांतर रेखा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से होकर गुजरती है | 82°30´  पूर्वी देशांतर को मानक देशांतर चुनने का मुख्य कारण यह है कि विश्व के सभी देशों में आपसी समझौते के अंतर्गत किसी भी देश का मानक देशांतर 7°30´ के  गुणांक  पर चुना जाता है जिससे कि 7°30´ देशांतरीय दूरी पर स्थित स्थानों के बीच 30 मिनट का समय अंतराल हो | भारतीय मानक समय ग्रीनविच माध्य समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे हैं | मानक समय के कारण ही भारत के सभी स्थानों की घड़ियां एक समय दर्शाती है जबकि सूर्योदय के समय में स्थानीय अंतर पाया जाता है |  

                     भारत का क्षेत्रफल 

 भारत का कुल क्षेत्रफल 3287 263 लाख  वर्ग किलोमीटर है जो विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 2.4% है |  इस प्रकार देखा जाए तो भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है इससे 6 बड़े देशों के नाम रूस , कनाडा , चीन , संयुक्त राज्य अमेरिका ,  ब्राजील , तथा आस्ट्रेलिया है |  





                        सीमा विस्तार 

भारत  की स्थलीय सीमा की कुल लंबाई 15200 किमी है |  तथा भारत की समुद्री सीमा की लंबाई 6100 किमी है जो अंडमान निकोबार और लक्ष्यद्वीप  की तट रेखा को समाहित करने पर 7517 किमी लंबी हो जाती है | अवस्थिति  की दृष्टि से भारत के पश्चिम में पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान उत्तर में चीन , नेपाल और भूटान तथा पूर्व में म्यांमार  एवं बांग्लादेश पडोसी देश है | भारत के दक्षिण में पाक जलसंधि और मन्नार की खाड़ी द्वारा यह श्रीलंका से पृथक होता है एवं आठ डिग्री चैनल इसे मालदीव से पृथक करता है | 

 भारत , बांग्लादेश के साथ पांच राज्य पश्चिम बंगाल ,  मेघालय , त्रिपुरा , मिजोरम , तथा असम कुल मिलकर 4096 किमी सिमा साझा करता है | 

भारत , चीन के साथ पांच राज्य  जम्मू कश्मीर,  हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड , सिक्किम ,  अरुणाचल प्रदेश कुल मिलाकर 3488 किमी सीमा साझा करता है | 

 भारत ,  नेपाल के साथ पांच राज्य उत्तर प्रदेश ,  उत्तराखंड , बिहार पश्चिम बंगाल , सिक्किम कुल मिलाकर 1751 किमी सीमा साझा करता है | 

भारत , भूटान के साथ चार  राज्य सिक्किम , पश्चिम बंगाल , असम , अरुणाचल प्रदेश कुल मिलाकर 699 किमी सीमा साझा करता है |

भारत , म्यांमार के  साथ  चार  राज्य  अरुणाचल प्रदेश , नागालैंड ,  मणिपुर , मिजोरम   कुल मिलाकर 1643  किमी सीमा साझा करता है | 

भारत ,  पाकिस्तान के साथ चार राज्य राजस्थान,  पंजाब ,  जम्मू-कश्मीर , गुजरात कुल मिलाकर 3323 किमी सीमा साझा करता है | 

भारत अफगानिस्तान के साथ एक राज्य जम्मू - कश्मीर कुल मिलाकर 106 किमी सीमा साझा करता है |  

              भारत के प्रशासनिक विभाजन 

 भारत को प्रशासनिक रूप से 29 राज्यों व सात केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा हुआ था लेकिन वर्ष 2019 में जम्मूकश्मीर को दो 31 अक्टूबर 2019 को दो केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद अब भारत में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश है |   नवीनतम राज्य  तेलंगाना है जिसे वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन कर बनाया गया है |  भारत के राज्य में क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम स्थान पर राजस्थान राज्य है जबकि सबसे छोटा राज्य गोवा राज्य है |  

शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

मानव दृष्टि दोष किसे कहते है दृष्टि दोष होने के कारण तथा इसका उपचार बताएं

 मानव दृष्टि दोष किसे कहते है दृष्टि दोष होने के कारण तथा इसका उपचार बताएं 

सामान्य स्वस्थ  नेत्र द्वारा अनंत  पर रखी वस्तुओं से लेकर स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी तक रखी गई वस्तुओ को स्पष्ट देखा जा सकता है | कई कारणों  से   नेत्र बहुत दूर स्थिति या निकट स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बनाने की क्षमता खो देता है | जिसे दृष्टि दोष कहा जाता है |

            मानव नेत्र में  दृष्टि दोष तीन प्रकार के होता है

           निकट दृष्टि दोष 

            दूर दृष्टि दोष 

            जरा दूरदर्शिता 

       निकट दृष्टि दोष  किसे कहते है निकट दृष्टि दोष होने के कारण तथा निवारण (उपचार ) बताएं 

     मानव नेत्र में उत्पन्न वैसा दोष  जिसमें नजदीक स्थित वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकता है | लेकिन दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट नहीं  देख सकता है निकट  दृष्टि दोष कहलाता है |

          निकट दृष्टि दोष  होने के कारण

निकट दृष्टि दोष  दो कारणों से हो सकती है

 (i) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना अर्थात नेत्र लेंस और रेटिना के बीच की दूरी का बढ़ जाना 

 अर्थात जब नेत्र गोलक लंबा हो जाती है | तो  नेत्र लेंस और रेटिना के बीच की दूरी बढ़ जाती है | जिसके कारण नेत्र में निकट दृष्टि दोष हो जाता है |


(ii)  नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का कम हो जाना

 अर्थात जब नेत्र लेंस आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाती है | तो उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है | जिसके कारण मानव नेत्र में निकट दृष्टि दोष हो जाता है |

                 निकट दृष्टि दोष के उपचार

निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस से बने चश्मे का प्रयोग किया जाता है |

 अर्थात जब अवतल लेंस से बने चश्मे का व्यवहार किया जाता है | तो दूर स्थित वस्तुओं से आने वाली समांतर किरणों को इतना आपसारित  कर देता है कि किरणे  फोकस  से आती प्रतीत होती है |  दूर से आने वाली समांतर किरने पहले अवतल लेंस से अपसारित   होकर और फिर नेत्र लेंस से अभिसरित होकर रेटिना पर फोकस हो जाती है | और इस प्रकार नेत्र बहुत दूर पर स्थित वस्तु को स्पष्ट देख पाता है  |

       दूर दृष्टि दोष किसे कहते है दूर दृष्टि दोष होने के कारण तथा निवारण (उपचार) बताएं 

      मानव नेत्र में उत्पन्न वैसा दोष   जिसमें मनुष्य को दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट दिखाई देता है | लेकिन नजदीक स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता है | इस प्रकार के दोष को दूर दृष्टि दोष कहा जाता है |

              दूर दृष्टि दोष होने के कारण

        दूर दृष्टि दोष दो कारणों से हो सकता है

 (i) नेत्र गोलक का छोटा हो जाना अर्थात नेत्र लेंस और रेटिना  के बीच की दूरी का कम हो जाना | 

 अर्थात जब नेत्र गोलक छोटा हो जाती है | तो नेत्र लेंस और  रेटीना की बीच की दूरी कम हो जाती है | जिसके कारण मनुष्य दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट तो देख पाता है लेकिन नजदीक स्थित वस्तुओं को वह स्पष्ट नहीं देख पाता है |

  (ii) नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक पतला हो जाना  जिससे उसकी फोकस दूरी का बढ़ जाना

 अर्थात  नेत्र लेंस आवश्यकता से अधिक पतला हो जाती है | जिसके कारण उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है इस कारण से मनुष्य नजदीक स्थित वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है इसी कारण दूर दृष्टि दोष हो जाता है |

                     दूर  दृष्टि दोष के उपचार 

 दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस से बने चश्मे का व्यवहार किया जाता है |

                      जरा दूरदर्शिता

 उम्र बढ़ने के साथ वृद्धावस्था में नेत्र लेंस की लचक कम हो जाने पर और  सिलियरी मांसपेशियों की समंजन क्षमता घर जाने के कारण मनुष्य में जरा दूरदर्शिता दोष उत्पन्न हो जाती है | इस दोष  को उत्पन्न होने से  आंख के निकट बिंदु के साथ-साथ दूर बिंदु भी प्रभावित होती है | जिसके कारण व्यक्ति निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित हो सकता है |

 जरा दूरदर्शिता दोष को दूर करने के लिए वाईफोकल लेंस का व्यवहार किया जाता है | जिसमें दो लेंस एक ही चश्मे में ऊपर नीचे लगा दिया जाता है  | चश्मे का ऊपर वाला भाग दूर की वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए तथा नीचे वाला भाग नजदीक स्थित वस्तुओं को देखने के लिए  प्रयुक्त होता है|