शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

मानव दृष्टि दोष किसे कहते है दृष्टि दोष होने के कारण तथा इसका उपचार बताएं

 मानव दृष्टि दोष किसे कहते है दृष्टि दोष होने के कारण तथा इसका उपचार बताएं 

सामान्य स्वस्थ  नेत्र द्वारा अनंत  पर रखी वस्तुओं से लेकर स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी तक रखी गई वस्तुओ को स्पष्ट देखा जा सकता है | कई कारणों  से   नेत्र बहुत दूर स्थिति या निकट स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बनाने की क्षमता खो देता है | जिसे दृष्टि दोष कहा जाता है |

            मानव नेत्र में  दृष्टि दोष तीन प्रकार के होता है

           निकट दृष्टि दोष 

            दूर दृष्टि दोष 

            जरा दूरदर्शिता 

       निकट दृष्टि दोष  किसे कहते है निकट दृष्टि दोष होने के कारण तथा निवारण (उपचार ) बताएं 

     मानव नेत्र में उत्पन्न वैसा दोष  जिसमें नजदीक स्थित वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकता है | लेकिन दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट नहीं  देख सकता है निकट  दृष्टि दोष कहलाता है |

          निकट दृष्टि दोष  होने के कारण

निकट दृष्टि दोष  दो कारणों से हो सकती है

 (i) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना अर्थात नेत्र लेंस और रेटिना के बीच की दूरी का बढ़ जाना 

 अर्थात जब नेत्र गोलक लंबा हो जाती है | तो  नेत्र लेंस और रेटिना के बीच की दूरी बढ़ जाती है | जिसके कारण नेत्र में निकट दृष्टि दोष हो जाता है |


(ii)  नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का कम हो जाना

 अर्थात जब नेत्र लेंस आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाती है | तो उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है | जिसके कारण मानव नेत्र में निकट दृष्टि दोष हो जाता है |

                 निकट दृष्टि दोष के उपचार

निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस से बने चश्मे का प्रयोग किया जाता है |

 अर्थात जब अवतल लेंस से बने चश्मे का व्यवहार किया जाता है | तो दूर स्थित वस्तुओं से आने वाली समांतर किरणों को इतना आपसारित  कर देता है कि किरणे  फोकस  से आती प्रतीत होती है |  दूर से आने वाली समांतर किरने पहले अवतल लेंस से अपसारित   होकर और फिर नेत्र लेंस से अभिसरित होकर रेटिना पर फोकस हो जाती है | और इस प्रकार नेत्र बहुत दूर पर स्थित वस्तु को स्पष्ट देख पाता है  |

       दूर दृष्टि दोष किसे कहते है दूर दृष्टि दोष होने के कारण तथा निवारण (उपचार) बताएं 

      मानव नेत्र में उत्पन्न वैसा दोष   जिसमें मनुष्य को दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट दिखाई देता है | लेकिन नजदीक स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता है | इस प्रकार के दोष को दूर दृष्टि दोष कहा जाता है |

              दूर दृष्टि दोष होने के कारण

        दूर दृष्टि दोष दो कारणों से हो सकता है

 (i) नेत्र गोलक का छोटा हो जाना अर्थात नेत्र लेंस और रेटिना  के बीच की दूरी का कम हो जाना | 

 अर्थात जब नेत्र गोलक छोटा हो जाती है | तो नेत्र लेंस और  रेटीना की बीच की दूरी कम हो जाती है | जिसके कारण मनुष्य दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट तो देख पाता है लेकिन नजदीक स्थित वस्तुओं को वह स्पष्ट नहीं देख पाता है |

  (ii) नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक पतला हो जाना  जिससे उसकी फोकस दूरी का बढ़ जाना

 अर्थात  नेत्र लेंस आवश्यकता से अधिक पतला हो जाती है | जिसके कारण उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है इस कारण से मनुष्य नजदीक स्थित वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है इसी कारण दूर दृष्टि दोष हो जाता है |

                     दूर  दृष्टि दोष के उपचार 

 दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस से बने चश्मे का व्यवहार किया जाता है |

                      जरा दूरदर्शिता

 उम्र बढ़ने के साथ वृद्धावस्था में नेत्र लेंस की लचक कम हो जाने पर और  सिलियरी मांसपेशियों की समंजन क्षमता घर जाने के कारण मनुष्य में जरा दूरदर्शिता दोष उत्पन्न हो जाती है | इस दोष  को उत्पन्न होने से  आंख के निकट बिंदु के साथ-साथ दूर बिंदु भी प्रभावित होती है | जिसके कारण व्यक्ति निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित हो सकता है |

 जरा दूरदर्शिता दोष को दूर करने के लिए वाईफोकल लेंस का व्यवहार किया जाता है | जिसमें दो लेंस एक ही चश्मे में ऊपर नीचे लगा दिया जाता है  | चश्मे का ऊपर वाला भाग दूर की वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए तथा नीचे वाला भाग नजदीक स्थित वस्तुओं को देखने के लिए  प्रयुक्त होता है|



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