🇮🇳 राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ा बयान 🇮🇳
CDS जनरल अनिल चौहान ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती चीन के साथ अवसुलझा सीमा विवाद है।
मुख्य सुरक्षा चुनौतियाँ:
- चीन के साथ सीमा विवाद – सबसे बड़ी चुनौती
- पाकिस्तान का प्रोक्सी वॉर – भारत को अंदर से कमजोर करने की रणनीति
- क्षेत्रीय अस्थिरता – पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता का असर
- भविष्य के हाई-टेक युद्ध – तकनीकी रूप से तैयार रहना
🚨 चीन: सबसे बड़ा खतरा
CDS चौहान ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव लंबे समय से भारत की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर चुनौती बना हुआ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की गतिविधियाँ चिंताजनक हैं और भारत को सभी पारंपरिक युद्ध संभावनाओं के लिए तैयार रहना होगा।
“चीन के साथ अवसुलझा सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है।” — जनरल अनिल चौहान
🕵️ पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति
पाकिस्तान का उद्देश्य भारत को प्रत्यक्ष युद्ध में नहीं, बल्कि छोटे आतंकी हमलों के जरिए कमजोर करना है। जनरल चौहान के अनुसार, यह रणनीति अब पुरानी हो चुकी है और भारत इसे सहन नहीं करेगा।
💥 ऑपरेशन सिंदूर: सख्त संदेश
CDS ने स्पष्ट किया कि हालिया ऑपरेशन सिंदूर केवल पहलगाम आतंकी हमले का जवाब नहीं था, बल्कि यह एक मजबूत संदेश था कि भारत अब सीमापार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
“भारत अब रेड लाइन खींच चुका है।” — जनरल चौहान
🛰️ भविष्य के युद्ध और टेक्नोलॉजी
आने वाले युद्ध केवल बंदूकों और टैंकों से नहीं लड़े जाएंगे। ड्रोन, साइबर अटैक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट निगरानी आधुनिक युद्ध का हिस्सा होंगे। भारत को इन सभी क्षेत्रों में तैयार रहने की ज़रूरत है।
🌍 क्षेत्रीय अस्थिरता का असर
अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में अस्थिरता भारत की सुरक्षा पर भी असर डालती है। CDS ने कहा कि भारत को अपने चारों ओर के भूराजनीतिक माहौल पर लगातार नजर रखनी होगी।
🔚 निष्कर्ष
CDS जनरल अनिल चौहान का यह बयान भारत की नई रक्षा नीति और सक्रिय रुख का संकेत देता है। भारत अब न केवल रक्षा करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर पहले वार करने से भी नहीं हिचकिचाएगा।
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