सोमवार, 3 अगस्त 2020

न्यूटन के गति के नियम को लिखें

 न्यूटन के गति के नियम को लिखे  

   महान  अंग्रेज वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन ने गति के अध्ययन के आधार पर सन 1679 ई. मे  गति  के तीन नियमों को प्रतिपादित किया जिसे न्यूटन का गति का नियम कहा गया |
           न्यूटन  के गति के प्रथम नियम-    
न्यूटन  के अनुसार  प्रत्येक  वस्तु अपनी विराम की अवस्था अथवा  सरल  रेखा में  एक  समान गति की अवस्था बनाए रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करें |
           अर्थात प्रत्येक वस्तु अपनी विराम की अवस्था या सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था अब तक बनाए रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी बाल कार्य  न  करें |          
   न्यूटन के प्रथम गति के नियम के अनुसार बल की परिभाषा मिलती है|

         (2)  न्यूटन  के द्वितीय गति नियम - 

         किसी वस्तु  के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल  के समानुपाती होती है |और यह परिवर्तन उस बल कि दिशा में  ही होती है| अर्थात किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है|
             बल के द्वितीय  गति नियम के अनुसार बल  का व्यंजक प्राप्त होता है  अर्थात बल का सूत्र प्राप्त होता है |

         (3)  न्यूटन  के गति के तृतीय नियम - 

दो  वस्तुओं के अन्योन्यक्रिया  मे  पहली  वस्तु द्वारा दूसरी  वस्तु  पर  लगाया  गया बल  दूसरी  वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए बल के बराबर और विपरीत दिशा मे होता है | अर्थात प्रत्येक क्रिया के बराबर विपरीत प्रतिक्रिया होती है|

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