शुक्रवार, 18 मार्च 2022
किसी विद्युत हीटर के परिपथ में जुड़ा चालक तार क्यों उत्तप्त नहीं होता है जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ?
गुरुवार, 17 मार्च 2022
विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड टोस्टरो तथा विद्युत इस्तरीयो के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के क्यों बनाये जाते है ?
विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड टोस्टरो तथा विद्युत इस्तरीयो के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के क्यों बनाये जाते है ?
विद्युत तापन अवयव का मतलब होता है कि उससे ऊष्मा अधिक मात्रा में निकले अर्थात इस अवयव से ऊष्मा अधिक मात्रा में निकले जब इससे ऊष्मा अधिक मात्रा में निकलेगा तो निश्चित रूप से इस अवयव का गलनांक भी अधिक होनी चाहिए नहीं तो इसका गलनाक कम होने पर ये अवयव बहुत जल्द ही गल जायेगा |
इसलिए विद्युत तापन युक्तियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के ना बनाकर किसी मिश्र धातु जैसे नाइक्रोम के बनाए जाते हैं | क्योंकि इसका प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है | और इसका गलनांक अत्यधिक उच्च होता है |
मंगलवार, 15 मार्च 2022
ऐमीटर तथा वोल्टमीटर किसे कहा जाता है ? ऐमीटर तथा वोल्टमीटर में अंतर लिखे
ऐमीटर तथा वोल्टमीटर किसे कहा जाता है ? ऐमीटर तथा वोल्टमीटर में अंतर लिखे
ऐमीटर
वैसे यंत्र जिसके द्वारा किसी विद्युत परिपथ की धारा को मापा जाता है उसे ऐमीटर कहा जाता है |
ऐमीटर को किसी परिपथ में जुड़े उपकरणों के साथ इस प्रकार जोड़ा जाता है कि परिपथ की कुल धारा इस यंत्र से होकर प्रवाहित हो |
वोल्टमीटर
वैसे यंत्र जिसके द्वारा किसी विद्युत परिपथ के किन्ही दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को मापा जाता है उसे वोल्टमीटर कहा जाता है |
ऐमीटर तथा वोल्टमीटर में अंतर लिखे
(1) वैसे यंत्र जिसके द्वारा किसी विद्युत परिपथ की धारा को मापा जाता है उसे ऐमीटर कहा जाता है |
जबकि वैसे यंत्र जिसके द्वारा किसी विद्युत परिपथ के किन्ही दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को मापा जाता है उसे वोल्टमीटर कहा जाता है |
(2) एमीटर किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की प्रबलता को मापता है |
जबकि वोल्टमीटर किसी विद्युत परिपथ में किन्ही दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को मापता है |
(3) ऐमीटर का स्केल एंपियर में अंकित रहता है |
जबकि वोल्टमीटर का स्केल वोल्ट में अंकित रहता है |
(4) ऐमीटर को किसी विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है |
जबकि वोल्टमीटर को किसी विद्युत परिपथ में समानांतर क्रम में जोड़ा जाता है |
शुक्रवार, 11 मार्च 2022
निम्न की परिभाषा लिखें विद्युत विभव विद्युत धारा विभवंतार प्रतिरोध इसके si मात्रक भी लिखे
निम्न की परिभाषा लिखें विद्युत विभव , विद्युत धारा , विभवंतार , प्रतिरोध , विधुत धारा की प्रबलता ? इसके si मात्रक भी लिखे
विधुत विभव
इकाई धन आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उस बिंदु पर विद्युत विभव कहा जाता है इस का एस आई मात्रक वोल्ट होता है जिसे V से सूचित किया जाता है |
1V = 1J/C होता है
विधुत धारा
किसी चालक पदार्थ में किसी भी दिशा में दो बिंदुओं के बीच आवेश के व्यवस्थित प्रवाह होता है उस प्रवाह को विद्युत धारा कहा जाता है |
विद्युत धारा का मात्रक एंपियर होता है जिसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर A से सूचित किया जाता है |
1A = 1C/1S होता है |
विभवांतर
दो बिंदुओं के बीच निम्न विभव से उच्च विभव तक इकाई धन आवेश को ले जाने में किया गया कार्य को विभवांतर कहा जाता है |
विभवांतर का भी एस आई ( SI ) मात्रक बोल्ट होता है जिसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर V से सूचित किया जाता है |
प्रतिरोध
किसी पदार्थ का वह गुण जो उससे होकर विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है | उस पदार्थ का विद्युत प्रतिरोध या केवल प्रतिरोध कहा जाता है |
प्रतिरोध का एस आई ( SI ) मात्रक ओम होता है | जिसे ग्रीक भाषा के बड़े अक्षर ओमेगा ( ) द्वारा सूचित किया जाता है |
1 ओम = 1V/1A = V/A
विधुत धारा की प्रबलता
किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट को पार करने वाले विद्युत धारा की प्रबलता उस अनुप्रस्थ काट से होकर प्रति इकाई समय में प्रवाहित आवेश का परिमाण होता है |
गुरुवार, 10 मार्च 2022
विद्युत परिपथ किसे कहते हैं ? विद्युत परिपथ में फ्यूज तार क्यों लगाए जाते हैं ?
विद्युत परिपथ किसे कहते हैं ? विद्युत परिपथ में फ्यूज तार क्यों लगाए जाते हैं ?
विद्युत परिपथ
जिस पथ से होकर विद्युत धारा का प्रवाह होता है उसे विद्युत परिपथ कहा जाता है |
विद्युत धारा का प्रवाह तभी हो सकता है जब उसका पथ पूरा हो खुले विद्युत परिपथ में धारा का प्रवाह नहीं होता है |
विद्युत परिपथ में फ्यूज तार क्यों लगाए जाते हैं ?
विद्युत परिपथ में फ्यूज तार सुरक्षा की दृष्टि से लगाया जाता है |
बिजली के ऊपर उपस्करों तथा बिजली की धारा ले जाने के लिए जो परिपथ बनाया जाता है | उसमें फ्यूज तार लगा जाता है फ्यूज तार जस्ता या लेड और टीन की मिश्र धातु का तार लगा होता है | फ्यूज तार की प्रतिरोधकता अधिक और गलनांक कम होता है | जिसके कारण जब परिपथ में अचानक धारा की प्रबलता आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है | तब धारा से उत्पन्न अत्यधिक उस्मा फ्यूज के तार को पिघला देती हैं | क्योंकि फ्यूज के तार का गलनांक कम होता है | इसलिए यह पिघल जाती है | और परिपथ टूट जाता है जिसके कारण उस परिपथ में धारा का प्रवाहित होना बंद हो जाता है | और उसमें लगे सभी उपकरण जैसे पंखे , बल्ब, फ्रीज , टेलीविजन , ट्रांजिस्टर , मोटर आदी जलने से बच जाते हैं |
इस प्रकार विद्युत परिपथ में फ्यूज तार लगाकर सभी उपकरण को सुरक्षा दी जाती हैं | जिसके कारण सभी उपकरण सुरक्षित रहते हैं |
इसीलिए विद्युत परिपथ में फ्यूज तार लगाई जाती है | ताकि विद्युत परिपथ में लगे सभी उपकरण जलने से बचे रहे |