इज़रायल-ईरान जंग में अमेरिका की एंट्री से UN की टेंशन बढ़ी: 'हालात काबू से बाहर', गुटेरेस ने की शांति की अपील
वैश्विक युद्ध का खतरा? इज़रायल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी एंट्री पर UN चिंतित, गुटेरेस ने की शांति की गुहार
, , भारत - 22 जून, 2025 - मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष अब एक और चिंताजनक मोड़ पर पहुंच गया है, क्योंकि इस युद्ध में अमेरिका की प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी ने संयुक्त राष्ट्र की चिंता को काफी बढ़ा दिया है। हालात तेजी से 'काबू से बाहर' होते जा रहे हैं, और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल शांति और संयम की अपील की है, चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में और उसके बाहर इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
पिछले कुछ हफ्तों से, इज़रायल और ईरान के बीच छिटपुट झड़पें पूर्ण युद्ध में बदल गई हैं। शुरू में, यह प्रॉक्सी समूहों और साइबर हमलों तक सीमित था, लेकिन हाल ही में दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य टकराव देखे गए हैं, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है।
अमेरिका की एंट्री और बढ़ती टेंशन:
अमेरिकी नौसेना के हालिया बयान के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है कि उसने होर्मुज जलडमरूमध्य में ईरानी नौसेना के जहाजों द्वारा अमेरिकी वाणिज्यिक जहाजों को कथित तौर पर निशाना बनाने के बाद इज़रायली वायुसेना के साथ संयुक्त हवाई गश्त शुरू की है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने इज़रायल के समर्थन में सीधे तौर पर सैन्य कार्रवाई में भाग लिया है, जिससे ईरान और उसके सहयोगियों की प्रतिक्रिया की आशंका बढ़ गई है।
व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। हालांकि, इस कदम को कई विश्लेषकों ने संघर्ष को और भड़काने वाला माना है, बजाय इसे शांत करने वाला।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता और गुटेरेस की अपील:
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "मध्य पूर्व में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है, और हम ऐसे बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां हालात हमारे काबू से बाहर हो सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "यह सिर्फ क्षेत्रीय संघर्ष नहीं है; इसके वैश्विक प्रभाव होंगे, जिसमें ऊर्जा बाजारों में अस्थिरता, बड़े पैमाने पर विस्थापन और मानवीय संकट शामिल हैं।"
गुटेरेस ने इज़रायल, ईरान और अमेरिका सहित सभी संबंधित पक्षों से तत्काल शत्रुता समाप्त करने और बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "मैं सभी से संयम बरतने और तनाव कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील करता हूं। संयुक्त राष्ट्र सभी पक्षों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार है ताकि शांतिपूर्ण समाधान खोजा जा सके।"
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया:
दुनिया भर के देश इस स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। यूरोपीय संघ ने एक बयान जारी कर सभी पक्षों से डी-एस्केलेशन की मांग की है और संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करने का संकल्प लिया है। रूस और चीन ने भी चिंता व्यक्त की है, जबकि कुछ खाड़ी देशों ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संघर्ष के आगे बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से तेल की कीमतों में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण। मानवीय संगठन पहले से ही संभावित शरणार्थी संकट के लिए तैयारी कर रहे हैं।
आगे क्या?
यह देखना बाकी है कि संयुक्त राष्ट्र की अपील का संघर्षरत पक्षों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। स्थिति अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है, और एक भी गलत कदम पूरे क्षेत्र को एक बड़े युद्ध में धकेल सकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस विनाशकारी स्थिति को रोकने के लिए एक साथ काम करना होगा और मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए कूटनीतिक समाधान खोजने होंगे। समय निकलता जा रहा है, और महासचिव गुटेरेस की 'काबू से बाहर जा रहे हालात' की चेतावनी एक गंभीर सच्चाई बनकर सामने खड़ी है।
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