बुधवार, 12 अगस्त 2020

जब कंबल को तेजी से झटका जाता है तो उसमें से धूल कणण अलग हो जाता है क्यों ?

 जब कंबल को तेजी से झटका जाता है तो उसमें से धूल कणण अलग हो जाता है क्यों ?

     चुकी कंबल को झटकने से पहले  कंबल  तथा  उसमें उपस्थित धूल कण विराम  की अवस्था  में  रहती  है  लेकिन जब कंबल को झटका  जाता है तो कंबल गतिमान की अवस्था में हो  जाती है लेकिन विराम के जड़त्व के कारण  उसमें उपस्थित धूल कण अर्थात कंबल में  उपस्थित धूलकण वही विराम की स्थिति में   ही रहती  है जिसके कारण धूल कण कंबल से अलग होकर गुरुत्व बल के कारण नीचे गिर जाती है |
   

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        बस  या रेलगाड़ी के अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर  झुक  जाती है गिर जाती है क्यों ? 
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रविवार, 9 अगस्त 2020

जब चलती हुई गाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री आगे की ओर झुक जाता है क्यों

 जब चलती हुई गाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री आगे की ओर झुक जाता है क्यों 

       जब बस या रेलगाड़ी  या  कोई भी गाड़ी गति की अवस्था में रहती है तो उसमें सवार यात्री भी गति की अवस्था में रहती है जब गाड़ी अचानक रुक जाती है तो उसमें सवार यात्री के पैर भी विराम  की अवस्था में  आ जाती  है जबकि जड़त्व  के गुण के कारण उसमें  सवार यात्री  के  ऊपरी  हिस्सा  गति  की ही अवस्था में  रहती  है जिसके परिणाम स्वरुप  सवार व्यक्ति  गति की  दिशा में झुक जाती है  या कहें आगे की ओर झुक जाती है | 
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   जब कंबल को तेजी से झटका जाता है तो  उसमें से धूल कण अलग हो जाता है क्यों ?

                न्यूटन के गति के नियम को लिखें

                         बल किसे कहते है ?

           किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ? या बस या रेलगाड़ी की अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या गिर जाता है क्यों ?
       
   
                      त्वरण किसे कहते हैं? 

शनिवार, 8 अगस्त 2020

चलती हुई गाड़ी से कूदना खतरनाक होता है क्यों व्याख्या करें ?

 चलती हुई गाड़ी से कूदना खतरनाक होता है क्यों व्याख्या करें ?
    जब गाड़ी चलती  रहती है अर्थात गतिमान की अवस्था में रहती है तो उसमे  सवार व्यक्ति  भी या सवार यात्री भी गति की अवस्था में रहती है परंतु जब  कोई  यात्री या कोई व्यक्ति बस से बाहर कूदती है  तो व्यक्ति के पैर जमीन पर घर्षण के कारण विराम की अवस्था में  आ जाती  है लेकिन उसके शरीर का ऊपरी हिस्सा जड़त्व के कारण  गति  की ही अवस्था में  बनी  रहती है जिसका परिणामस्वरुप  व्यक्ति गाड़ी की गति की दिशा में गिर जाएगी  और जख्मी भी हो सकती है| | इसलिए कहा जाता है कि चलती हुई गाड़ी से बाहर कूदना खतरनाक होता है| अतः  गिरने से  बचने के  लिए  व्यक्ति को बस की गति की दिशा में कुछ दूरी तक दौड़ कर धीरे धीरे अपनी गति को खत्म करनी चाहिए  |
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                          बल किसे कहते है
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रॉकेट या जेट विमान वायुमंडल रहीत आकाश में कैसे चलता है ?

 रॉकेट  या जेट विमान वायुमंडल रहीत  आकाश  में कैसे चलता है ?
    रॉकेट  एक  प्रकार का वाहन  है न्यूटन की तीसरे गति नियम  क्रिया  और बराबर विपरीत प्रतिक्रिया बल के सिद्धांत पर आधारित सिद्धांत पर उड़ती है अर्थत चलती है| चूकि राॅकेट या जेट के अन्दर एक दहन कक्ष होता है|
जिसमें  ठोस या  तरल  ईंधन भरी रहती है जब जेट विमान चलना शुरु करती है तो विमान मे बने छिद्र द्वारा  बाहर की वायु ईजन मे प्रवेश करती है | जो वायु  की  ऑक्सीजन के साथ मिलकर ईंधन काफी उच्च दाब पर जलती है | जिसकी परिणाम स्वरुप  उच्च दाब  पर गैस उत्पन्न होती है  जो दहन कच्छ के नीचे एक छिद्र  होता है जिसके के द्वारा  यह  गैस पीछे की ओर  अत्यंत तीव्र  वेग के साथ बाहर निकलती है चुकी गैस का द्रव्यमान  कम  होता है लेकिन तीव्र वेग के कारण संवेग और प्रतिक्रिया बल  काफी अधिक होती  है |  जिसके  कारण  रॉकेट या जेट  विमान   आगे  की ओर तीव्र वेग से गतिमान होती है अर्थात रॉकेट या जेट  इसी सिद्धांत  पर कार्य करती है 

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                जड़त्व किसे कहते हैं 
     (2) किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ? या बस या रेलगाड़ी की अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या गिर जाता है क्यों ?
             (3)न्यूटन के गति के नियम को लिखें

             (4) बल किसे कहते है ?

            (5) गति समीकरण में सिद्ध करे कि v = u + at

संवेग संरक्षण का नियम को लिखें

 संवेग संरक्षण का  नियम  को लिखें और मुझसे एक ही सरल रेखा पर गति करते हुए टकराने वाले दो गोलों के लिए प्रमाणित करें ?

      यदि किसी वस्तु पर कोई बल  ना हो अर्थात कोई बल न लगे तो उसके संवेग में कोई परिवर्तन नहीं होता है अर्थात संवेग नियत बना रहता है इस निष्कर्ष को संवेग संरक्षण का सिद्धांत कहा जाता है  इसके  अनुसार वस्तुओं के निकाय पर अगर बाहरी  बल आरोपित ना हो अर्थात बाहरी बल न लगे तो संयुक्त निकाय का कूल संवेग संरक्षित रहता है संदीप संरक्षण का सिद्धांत भौतिकी के मूलभूत सिद्धांतों में से इसे निम्न विधियों द्वारा  प्रमाणित कर सकते हैं  माना कि A और B दो  गोले हैं जिसका द्रव्यमान m1  और m2 है  जो किसी चिकने क्षैतिज तल  पर  एक  सरल रेखा में एक ही दिशा में क्रमशः u1 और  u2 वेग गतिशील  है  और  मान लेते हैं कि u1 का मान u2 से अधिक  है  जिससे कुछ दूरी चलने के बाद ये गोले  आपस  में टकराते हैं और टकराने के बाद एक दूसरे से अलग हो जाता है इस दौरान इन गोले A और B का वेग क्रमशः v1 और v2 हो जाता है | 
                    अतः  गोले A का  संवेग  में परिवर्तन m1v1 - m1u1 
                       और गोले B  के संवेग मे परिवर्तन  m2v2 - m2u2  
         टक्कर  के समय यह दोनों गोले एक दूसरे पर बल लगाता है जो बहुत ही अल्प  समय  t के लिए लगता है |
                 माना कि गोला A पर गोला B द्वारा  आरोपित  बल F1 है |  तथा गोला B पर  गोला  A  द्वारा आरोपित बल  F2 है |  यह  दोनों बल क्रिया और प्रतिक्रिया जोड़ा बनाते हैं |
          अतः  न्यूटन  के तीसरे गति नियम के अनुसार  F1 = - F2  -------------  (1)  
           परंतु न्यूटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार F1 = (m1v1 - m1u1)/t  
      तथा F2 = (m2v2 - m2u2)/ t   
           समीकरण (1)  मे  इन दोनों  मानो को  रखने पर 
 (m1v1 - m1u1)/t  = - (m2v2 - m2u2)/ t   या  m1v1 - m1u1 = - m2v2 + m2u2
 या m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
 या  टक्कर  के पहले कूल संवेग =  टक्कर  के बाद कुल संवेग  |
      अर्थात कह सकते हैं कि किसी वस्तु के टकराने की पहले  तथा  टकराने के बाद कुल संवेग  नियत  रहता है अर्थात संवेग संरक्षित रहता है|

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फिसलन वाली जमीन पर चलना खतरनाक होता है क्यों व्याख्या करें

 फिसलन वाली जमीन पर चलना खतरनाक होता है क्यों व्याख्या करें ? 

जब  हम  लोग जमीन पर चलते हैं या टहलते हैं तो हम अपने पैरों द्वारा जमीन पर तिरछा धक्का देते हैं अर्थात उस जमीन पर अपने पैरों द्वारा बल लगाते हैं जो जमीन पर तिरछा क्रिया बल  होता है जिसके परिणामस्वरुप  जमीन हमारी पैरों पर बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया बल लगाती है जो हमें चलने के लिए आवश्यक बल होता है |और ये सब जमीन के बीच घर्षण बल के कारण हम जमीन पर तिरछा क्रिया बल लगा पाते हैं लेकिन जब हम फिसलन वाली जमीन पर चलते हैं तो जमीन पर घर्षण बल कम  होने के कारण जमीन बराबर  प्रतिक्रिया  बल नहीं लगा पाती है जिसके परिणाम स्वरुप हम गिर सकते हैं  इसलिए कहा जाता है कि फिसलन वाली चलना खतरनाक होता है |  
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जब किसी छड़ी से एक दरी को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं कारण स्पष्ट करें?

 जब  किसी  छड़ी से एक दरी को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं कारण स्पष्ट करें? 

                 जब किसी दरी को छड़ी  पीटा  जाता है तो दरी गति की अवस्था  मैं हो जाती है लेकिन दरी में उपस्थित धुलकण  जड़त्व  के कारण विराम की अवस्था में ही रहती है जिसके परिणामस्वरुप धूल कण दरी से अलग हो जाती  है |  और गुरुत्व बल के अधीन  होकर  नीचे  गिर जाता है  |

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किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ?  या  बस या  रेलगाड़ी  की अचानक चलने से उसमें  खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या  गिर जाता  है क्यों ?  

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किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर उसमें से कुछ पत्तियां और फल नीचे गिर जाती है क्यों

 किसी पेड़  की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर  उसमें से कुछ पत्तियां और फल नीचे गिर जाती है क्यों   

जब  पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाया जाता है  तो  पेड़  की शाखा गतिमान की अवस्था में हो जाती है लेकिन उसमें मौजूद पत्तियों और फल जड़त्व के गुणों के कारण स्थिर अवस्था में वही मौजूद रहती है जिसके कारण पके फल या कमजोर या सुखी पत्तियां  टूट कर  डाल से  अलग हो जाती है और गुरुत्व बल के अधीन हो कर नीचे गिर  जाती है | 

   



        
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शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

क्रिकेट बाॅल का कैच लेते समय खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है क्यों

 क्रिकेट बाॅल का कैच लेते समय  खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर  खींच  लेता है क्यों  

        क्रिकेट  खेल में जब खिलाड़ी कैच लेता है तो बाॅल हाथों पर धक्का मारता है |अर्थात बल लगाता है  तब उसका  संवेग शुन्य हो जाता है | अंगुलियों  के बीच बाॅल आते ही हाथो को  यदि वह पिछे हटाता है तो  संवेग की परिवर्तन का समय अंतराल बढ़ जाता है अतः संवेग के परिवर्तन की दर और हाथ पर लगा बल कम हो जाता है जिसे वह सहन कर लेता है यदि वह बाॅल को शीघ्र रोके  अर्थात हाथ को पीछे ना करके बाॅल को  उसी  स्थिति में पकड़े तो हाथों पर बड़ा बल कार्य  करेगा  जिससे  हाथों को काफी चोट लग सकती है इसलिए क्रिकेट बॉल का कैच लेते समय खिलाड़ी अपने हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है|

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                   न्यूटन के गति के नियम को लिखें

       किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ? या बस या रेलगाड़ी की अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या गिर जाता है क्यों ?
     
                     जड़त्व किसे कहते हैं ?

                       बल किसे कहते है

                     त्वरण किसे कहते है ?

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न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल , द्रव्यमान और त्वरण का संबंध स्थापित करें अर्थात सिध्द करें कि F = ma

 न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल ,  द्रव्यमान और  त्वरण का संबंध स्थापित करें  अर्थात सिध्द करें कि  F = ma

            न्यूटन  के द्वितीय गति नियम  किसी  वस्तु की संवेग में परिवर्तन की दर  उस वस्तु पर  लगे बल के  समानुपाती होती है |और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होती है|
          माना कि किसी वस्तु का द्रव्यमान m है और वह  u वेग से चलना प्रारंभ करती है जब उस वस्तु पर  बाहरी  बल  F लगाया जाता है तो एक छोटे समय अंतराल t  मे  उस  वस्तु का वेग  v हो जाता है | 
           वस्तु का संवेग  ( p ) = द्रव्यमान ×वेग 

 वस्तु का प्रारंभिक संवेग = P1 = mu

 वस्तु  का t समय बाद संवेग =P2 = mv 

t  समय  मे वस्तु के संवेग में परिवर्तन = P2-P1

 वस्तु के संवेग मे परिवर्तन की दर =
              संवेग मे परिवर्तन / समय अंतराल 

            ( P2-P1) /t   ------------------ 1 

            न्युटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार 
वस्तु पर लगे बल का परिमाण 

            F ∝( P2 - P1 )/ t 


     या   F = k(P2-P1) /t  -----------2 

            जहाँ k एक नियतांक है 

     चूँकि P1 = mu और P2 = mv 

    अतः P2 -P1 = mv - mu = m( v - u )

    ईस मान को समीकरण 2 मे रखने पर 

     F = k m(v - u)/ t   ----------------3 

परन्तु गति के समीकरण से v = u + at से 

           a = (v - u)/t 

ईस मान को समीकरण 3 मे रखने पर 

         F = kma   ---------------- 4 

 बल के SI मात्रक न्युटन की परिभाषा से  - यदि  कोई बल 1kg  द्रव्यमान  की वस्तु पर लग कर उसमें 1m/s2 त्वरण उत्पन्न करता है तो  उस  बल को 1 न्यूटन कहा जाता है |

      समीकरण 4 मे F = 1N ,m = 1kg और 
                          a= 1m/s2 रखने पर 

                F = kma 
                1 = k × 1 × 1 
                k = 1 

              समीकरण 4 मे k का मान रखने पर 

              F = kma 

              F = 1× ma 

                 F = ma   

               अतः किसी वस्तु पर लगा बल वस्तु के द्रव्यमान और उसके त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है |

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  (1) सिद्ध करे कि v = u + at

                     त्वरण किसे कहते हैं?
                बल किसे कहते है 
            जड़त्व किसे कहते है ? 
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सोमवार, 3 अगस्त 2020

किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ? या बस या रेलगाड़ी की अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या गिर जाता है क्यों ?

 किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ?  या  बस या  रेलगाड़ी  की अचानक चलने से उसमें  खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या  गिर जाता  है क्यों ?  

                  जब कोई बस या रेलगाड़ी विराम की अवस्था में रहती है| और जब एकाएक या अचानक चलना शुरु करती है तो उसमे  सवार यात्री के पैरों और फर्श के बीच घर्षण के कारण   उसमें सवार यात्री की पैर भी गति की अवस्था में आ जाती है |जबकि उसके शरीर का ऊपरी हिस्सा जड़त्व के कारण विराम की अवस्था में बनी रहती है जिसके कारण यात्री पीछे की ओर झुक जाती है या  गिर  जाती है |
    
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   जब चलती हुई गाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री आगे की ओर झुक जाता है क्यों

   किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर उसमें से कुछ पत्तियां और फल नीचे गिर जाती है क्यों
 
   न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल , द्रव्यमान और त्वरण का संबंध स्थापित करें अर्थात सिध्द करें कि F = ma

            न्यूटन के गति के नियम को लिखें

                      बल किसे कहते है

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न्यूटन के गति के नियम को लिखें

 न्यूटन के गति के नियम को लिखे  

   महान  अंग्रेज वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन ने गति के अध्ययन के आधार पर सन 1679 ई. मे  गति  के तीन नियमों को प्रतिपादित किया जिसे न्यूटन का गति का नियम कहा गया |
           न्यूटन  के गति के प्रथम नियम-    
न्यूटन  के अनुसार  प्रत्येक  वस्तु अपनी विराम की अवस्था अथवा  सरल  रेखा में  एक  समान गति की अवस्था बनाए रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करें |
           अर्थात प्रत्येक वस्तु अपनी विराम की अवस्था या सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था अब तक बनाए रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी बाल कार्य  न  करें |          
   न्यूटन के प्रथम गति के नियम के अनुसार बल की परिभाषा मिलती है|

         (2)  न्यूटन  के द्वितीय गति नियम - 

         किसी वस्तु  के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल  के समानुपाती होती है |और यह परिवर्तन उस बल कि दिशा में  ही होती है| अर्थात किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है|
             बल के द्वितीय  गति नियम के अनुसार बल  का व्यंजक प्राप्त होता है  अर्थात बल का सूत्र प्राप्त होता है |

         (3)  न्यूटन  के गति के तृतीय नियम - 

दो  वस्तुओं के अन्योन्यक्रिया  मे  पहली  वस्तु द्वारा दूसरी  वस्तु  पर  लगाया  गया बल  दूसरी  वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए बल के बराबर और विपरीत दिशा मे होता है | अर्थात प्रत्येक क्रिया के बराबर विपरीत प्रतिक्रिया होती है|

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       जड़त्व किसे कहते हैं ?
                        बल किसे कहते है
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     किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाती है क्यों ? या बस या रेलगाड़ी की अचानक चलने से उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है या गिर जाता है क्यों ?

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जड़त्व किसे कहते हैं ?

 जड़त्व का  नियम क्या है ?  व्याख्या  करें ? 

                 जड़त्व -     

       किसी  वस्तु का वह गुण जिसके कारण  वह अपनी विराम  की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था मे  परिवर्तन  का विरोध करती है जड़त्व कहलाता है |                        सर्वप्रथम गैलीलियो ने अपने प्रयोगों के आधार पर कल्पना की की एक समान वेग से गतिमान वस्तु को अपनी पर लगे बलों की अनुपस्थिति में अपनी गति की अवस्था बनाए रखनी चाहिए बलो की अनुपस्थिति में वस्तु का अपनी विराम की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था बनाए रखने की प्रवृत्ति को वस्तु का जड़त्व कहा जाता है |        गैलीलियो  की इस खोज को जड़त्व का नियम कहा जाता है |

     जड़त्व दो प्रकार का होता है -
(a)  विराम  का जड़त्व  
(b) गति का जड़त्व 

      (a)  विराम  का जड़त्व -      
                  विराम  का जडत्व  के कारण वस्तु  की विराम की अवस्था में रहने की प्रवृत्ति पाई जाती है |

        (b)  गति का  जड़त्व -     

              गति के  जड़त्व  जड़त्व  के कारण  वस्तु एक रेखा में एक समान गति की अवस्था मे गति की अवस्था बनाए रखने की प्रवृत्ति होती है|

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रविवार, 2 अगस्त 2020

बल किसे कहते है

          बल किसे कहा जाता है ?  

         बल वह भौतिक कारण है जिसकी  सहायता  से किसी  वस्तु पर  कार्य कर उसकी विराम की  अवस्था अथवा सरल रेखा मे एकसमान गति की अवस्था मे परिवर्तन लाता है या लाने की चेष्टा करता है बल कहलाता है | 
 बल का si  मात्रक  न्यूटन होता है | जिसे N  से सूचित  किया  जाता है|
              बल लगा  कर किसी वस्तु में निम्न     परिवर्तन किया जा सकता है-
 (1) ) बल लगा कर किसी वस्तु की चाल में   परिवर्तन लाया  जा सकता है |
( 2)  बाल  या बल्लू का समूह  किसी वस्तु की   गति  की दिशा मैं परिवर्तन ला सकता है|
 (3)  बलो का समूहो किसी वस्तु की आकृति में   परिवर्तन ला सकता है|
          बल  कई प्रकार के होते हैं

         (1)  संतुलित  बल -      


 किसी  वस्तु पर एक साथ   कार्य कर रहे बालों का परिणामी यदि सुन्य हो तो उस बल को  संतुलित  बल कहा जाता है||                  किसी वस्तु पर लगने वाले दो बल अगर संतुलन में है | तो  दोनों  बल 
    (1)  एक दूसरे  के विपरीत दिशा में होगा
   (2)  और परिणाम में बराबर होगा |
   दूसरी  भाषा में कहा जाए तो
        यदि बलो का एक समूहो किसी वस्तु पर लगकर  उसमें त्वरण  उत्पन्न्वरण नहीं करता है तो ऐसे बलों को संतुलित बल कहा जाता है|

        (2) असंतुलित  बल -     

यदि बलो का एक समूह  किसी वस्तु पर  लगकर  उसमें अशुन्य त्वरण  उत्पन्न करता है तो उस बल को  असंतुलित  बल कहा जाता है |  

             (1)  स्पर्श बल -      

  जब एक वस्तु किसी दूसरे वस्तु  के संपर्क में हो और दोनों एक दूसरे पर  बल  लगा  सकता है तो उस बल को  स्पर्श  बल कहा जाता है| 
      स्पर्श बल  कुछ  निम्न उदाहरण है


          (i) अभिलंब बल -    

  जब  स्पर्श बल किसी वस्तु के संपर्क की सतहों की  लंबवत लगता है तो उस बल को  अभिलंब बल कहा जाता है |

             (ii)  तनाव -        

 जब किसी वस्तु को एक डोरी से बांध कर  डोरी  को ताना जाता है तो डोरी वस्तु को  खींचती है  ऐसे बल को  तनाव  कहा जाता है|

           (iii)  घर्षण बल -    

  जब  कभी कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु की सतह  पर सरकती है या लुढकती है या  चलने  की चेष्टा करती है तब स्पर्श में  आने  वाली सतहों  के बीच  बल   उत्पन्न  होता है जिसे  घर्षण बल कहा जाता है |
         घर्षण बल हमेशा गति की  विपरित दिशा में कार्य करती है |

        (2) दूरी  पर क्रिया बल -  

   वैसे  बल जो वस्तुओं पर  बीना  उसके आपस में भौतिक स्पर्श की आरोपित होता है ऐसे बल को दूरी पर क्रिया बल  कहा जाता  है |  जैसे  चुंबकीय  बल , स्थिर विद्युतीय बल 
   
            इसे भी जाने
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