फसल क्या है
भोजन प्राप्ति के लिए जब एक ही प्रकार के पौधों को किस स्थान पर बड़े पैमाने पर उगाया जाता है | तब उसे फसल कहा जाता है |
फसल कई प्रकार के होते हैं
खाद्यान्न फसले
नगदी फसलें
पेय फसले
रेशेदार फसले
तिलहन फसले
अन्य फसले
विश्व की प्रमुख खाद्यान्न फसलें
गेहूं
गेहूं फसलें विश्व में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर बोई जाने वाली फसल है | विश्व में सिंचाई का सबसे अधिक उपयोग गेहूं की खेती के लिए ही होता है या मुख्यता शीतोष्ण कटिबंधीय फसल है | लेकिन इसे उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंध क्षेत्रों में भी पैदा किया जाता है |
गेहूं के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
* गेहूं को बोते समय तापमान 10° C डिग्री सेल्सियस बढ़ते समय 15° C एवं पकते समय 20° C होना चाहिए
* इसके लिए वर्षा 50 से 80 सेमी होनी चाहिए |
* गेहूं के लिए मिट्टी नरम मटियार भारी दोमट या उपजाऊ काली मिट्टी होनी चाहिए |
* जल निकासी की सुविधा और पकते समय तेज धुप होनी चाहिए |
ऋतु के आधार पर गेहूं को दो वर्गों में बांटा गया है
शीतकालीन गेहूं
यह गेहुं शीत ऋतु नवंबर एवं दिसंबर में बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु मार्च-अप्रैल मे काट लिया जाता है | या मुख्य रूप से मध्य एवं निम्न अक्षांशो में उपजाया जाता है | विश्व के कुल उत्पादन का 80% गेंहूं शीतकालीन होता है |
बसंतकालीन गेहूं
शीतोष्ण कटिबंध के उन भागों में बसंतकालीन गेहूं उगाया जाता है | जहां शीत ऋतु में अत्यधिक ठंड पड़ती है | वहां गेहूं वसंत ऋतु में उगाया जाता है | यह अपेक्षाकृत कम समय में तैयार होता है | विश्व के कुल उत्पादन का मात्र 20% गेहूं बसंतकालीन होता है |
चावल
चावल एक प्रकार का उष्णकटिबंधीय फसल है | इसकी कृषि मुख्य रूप से उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है | पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर ऐसा माना जाता है | कि चावल की कृषि सबसे पहले चीन में प्रारंभ हुआ इसके बाद इसका विस्तार से दक्षिणी और पूर्वी एशियाई भागों में हुआ |
चावल के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
चावल की खेती के लिए मुख्य रूप से तापमान लगभग 24° C से 27° C चाहिए |
वार्षिक वर्षा 125 से 200 सेमी होना चाहिए | यह वर्षा नियमित रूप से होनी चाहिए | ताकि खेतों में जल भरा रहे लेकिन या जल बंधा हुआ ठहरा हुआ नहीं होना चाहिए |
इसके लिए मिट्टी उपजाऊ दोमट मिट्टी या जलोढ़ मिट्टी होनी चाहिए |
मानसूनी प्रदेश की जलवायु चावल की खेती के लिए विशेष रूप से उपयुक्त मानी जाती है |
मक्का
गेहूं एवं चावल के बाद मक्का तीसरी महत्वपूर्ण फसल है विकसित देशों में इस फसल का प्रयोग पशु चारे के लिए होता है | जबकि अविकसित देशों में यह लोगों की जीविका का स्रोत है | ऐसा माना जाता है | कि मक्का का जन्म मध्य अमेरिका में हुआ था जहां ग्रीष्म ऋतु गर्म आर्द्र होती है | वहां मक्का का उत्पादन सर्वोत्तम होता है | विश्व के मक्का उत्पादन का लगभग 50% उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका में होता है |
मक्का उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियाँ
मक्का उत्पादन के लिए तापमान 18°C से 27°C होना चाहिए |
इसके लिए वर्षा 50 सेमी से 125 सेमी होना चाहिए लेकिन जल का जमाव हानिकारक होता है |
मक्का के लिए मिट्टी चिकनी , दोमट मिट्टी होनी चाहिए |
जई
जई एक प्रकार का खाद्य फसल है इसका सर्वाधिक उत्पादन यूरेशिया के गेहूं क्षेत्र के उत्तर में पाया जाता है इसका दूसरा उत्पादक क्षेत्र उत्तरी अमेरिका में गेहूं की पेटी के पूर्व में स्थित है
आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
जई कृषि के लिए सभी भौतिक परिस्थितियां आवश्यक होती है | जो गेहूं की कृषि के लिए आवश्यक होती है | लेकिन तुलनात्मक रूप से अधिक जल की आवश्यकता होती है |
जौ
यह भी एक प्रकार की खाद्य फसलों है | जो अन्य फसलों की तुलना में यह कम समय में तैयार हो जाता है | इसका उपयोग भोजन के अलावा बीयर एवं शराब के निर्माण में भी होता है |
विश्व की प्रमुख पेय फसलें
चाय
चाय एक प्रकार का पेय फसल है | यह उष्णकटिबंधीय बागानी फसल है ऐसा माना गया है | कि इसका सर्वप्रथम जन्म चीन में हुआ चाय कि कृषि मानसूनी जलवायु वाले देशों में सबसे अधिक की जाती है |
चाय का उत्पादक क्षेत्र
चीन - चाय की कृषि चीन में ही शुरू हुई और आज भी सबसे अधिक क्षेत्र में चाय की कृषि चीन में ही उपजाई जाती है | चीन की चाय निम्न स्तर की होती है | एवं उत्पादन घरेलू खपत के लिए होता है |
भारत - भारत में असम में ब्रह्मपुत्र एवं सुरमा घाटी तथा सदिया क्षेत्र पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग एवं जलपाईगुड़ी बिहार में पूर्णिया झारखंड में रांची उत्तराखंड में देहरादून , अल्मोड़ा में गढ़वाल , हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा घाटी एवं दक्षिण भारत में नीलगिरी पहाड़ी क्षेत्र भारत के प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र है
भारत श्रीलंका इंडोनेशिया बांग्लादेश जापान कीनिया एवं ताइवान चाय की प्रमुख निर्यातक देश है | भारत अपनी कुल उत्पादन का लगभग एक चौथाई चाय निर्यात करता है | यह निर्यात मुख्यतः कोलकाता बंदरगाह से किया जाता है |
चाय के उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
चाय की खेती के लिए तापमान 21°C से 29°C होना चाहिए |
इसके लिए वर्षा 150 से 200 सेमी होनी चाहिए ( जलवायु ठंडी एवं आद्र होनी चाहिए ) |
इसके लिए मिट्टी गहरी एवं उपजाऊ दोमट मिट्टी होनी चाहिए | जिसमें फास्फोरस एवं लोहा की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में हो |
इसकी पत्तियां साल में कई बार तोड़ी जाती है | जैसे चीन में 3 बार एवं भारत में 16 बार तोड़ जाती है | जिसके लिए बड़ी मात्रा में सस्ते श्रमिक की आवश्यकता होती है |
इसके लिए मंद ढालू भूमि होनी चाहिए |
चाय दो प्रकार की होती है |
काली चाय
काली चाय टैनिक अम्ल की मात्रा उच्च होती है | इसका उत्पादन श्रीलंका इंडोनेशिया भारत आदि देशों में होता है |
हरी चाय ( ग्रीन टी )
यह चाय काली चाय की तुलना में उत्तम होती है | और इसका उत्पादन मुख्य रूप से जापान एवं चीन में किया जाता है | चाय की प्रति व्यक्ति सर्वाधिक खपत ब्रिटेन एवं रूस में है |
कहवा ( कॉफी )
कहवा की कृषि एवं व्यापार पहली बार अरब प्रायद्वीप में किया गया एवं वहां से इसे ब्राजील लाया गया | विश्व में ब्राजील सबसे अधिक कहवा उत्पादन करता है | इसके बाद वियतनाम और तीसरे स्थान पर इंडोनेशिया का स्थान आता है |
कहवा के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
कहवा उष्ण जलवायु की फसल है जो समुद्र तल से 500 से 1500 मीटर की ऊंचाई पर उगाई जाती है |
कहवा उत्पादन के लिए तापमान 15°C से 25°C होना चाहिए |
इसके लिए वर्षा 115 से 200 सेमी वर्षा समान रूप से वितरित होनी चाहिए |
कहवा के लिए मिट्टी उपजाऊ जिसमें लोहा , नाइट्रोजन एवं ह्यूमस पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए | वनीय मिट्टी विशेष रूप से उपयुक्त मानी जाती है |
तेज हवा एवं सीधी धूप कहवा फसल के लिए हानिकारक होती है | अतः इसके पौधों को छाया में उगाया जाता है | छाया के लिए मकई केला आदि की फसलें उसके बगल में लगा दी जाती है |
पाला कहवा की फसल के लिए हानिकारक होता है | इसके लिए चाय की अपेक्षा अधिक उपजाऊ एवं ढालू भूमि होनी चाहिए | ताकि जल का प्रवाह सुगमता से हो सके |
विश्व की नगदी फसलें
वैसी फसलें जिसको बेचकर जल्द नगद प्राप्त किया जा सकता है | नकदी फसल कहलाता है |
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प्रमुख नकदी फसल
रबड़
रबड़ एक उष्णकटिबंधीय पौधा है इसका जन्म स्थान अमेजन नदी की घाटी है |
रबड़ उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
रबड़ उत्पादन के लिए तापमान लगभग 27°C से 21°C से कम तापमान हानिकारक होता है |
इसके उत्पादन के लिए 200 सेमी से अधिक वर्षा होनी चाहिए लेकिन सुवितरित होनी चाहिए |
उत्पादक क्षेत्र
बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अमेजन बेसिन एवं जायरे बेसिन मिलकर विश्व का 99% प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन करते थे | लेकिन वर्ष 1950 तक इसका योगदान घटकर मात्र 2% हो गया वर्तमान समय में विश्व के कुल उत्पादन का 90% भाग दक्षिण पूर्वी एशिया से प्राप्त होता है | रबड़ की कृषि अधिकतर तटीय मैदानों एवं पठारो के ढालों पर की जाती है |
दक्षिण पूर्वी एशिया में थाईलैंड इंडोनेशिया एवं मलेशिया रबड़ के प्रमुख उत्पादक देश है |
गन्ना
गन्ना उष्ण एवं उपोष्ण जलवायु की फसल विश्व के कुल चीनी उत्पादन का दो तिहाई गन्ने से प्राप्त होता है |
गन्ने के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
गन्ना उत्पादन के लिए तापमान 21°C से 27°C के बीच होनी चाहिए |
इसके लिए वर्षा 150 सेमी होनी चाहिए |
जलवायु पर्याप्त धूप काटने के समय शुष्क मौसम |
मिट्टी उपजाऊ दोमट या हल्की चिकनी मिट्टी होनी चाहिए जिसमें जल बहाव का समुचित प्रबंध हो एवं जलोढ़ मिट्टी में गन्ने की अच्छी फसल होती है |
उत्पादक क्षेत्र
भारत में गन्ने की कृषि मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश तमिलनाडु कर्नाटक महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश बिहार आदि राज्यों में की जाती है | भारत गन्ने का प्रमुख उत्पादक होने के बावजूद भारत में प्रति हेक्टेयर गन्ने की उपज काफी कम है | यहां के गन्ने में सुक्रोज की मात्रा भी काफी कम होती है | विश्व में गन्ना उत्पादन में प्रथम ब्राजील द्वितीय भारत तथा तृतीय चीन है |
गन्ने का विश्व व्यापार नहीं होता है | बल्कि इससे चीनी तैयार करके उसका व्यापार किया जाता है | चीनी निर्यात करने वाले देशों में सबसे प्रथम स्थान पर क्यूबा है जिसके समस्त निर्यात व्यापार का 80% भाग चीनी ही है |
तंबाकू
तंबाकू उष्ण एवं उपोष्ण जलवायु की फसल है | इसका जन्म स्थान संयुक्त राज्य अमेरिका माना जाता है |
तंबाकू उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियाँ
तंबाकू उत्पादन के लिए तापमान 18°C से 27°C के बीच होनी चाहिए |
इसके लिए वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर होनी चाहिए |
तंबाकू उत्पादन के लिए खनिज एवं जीवाश्म से युक्त दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है |
तंबाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन द्वितीय स्थान पर भारत एवं तृतीय स्थान पर ब्राजील है |
विश्व की प्रमुख रेशेदार फसले
कपास
कपास उष्ण क्षेत्र की उपज है | लेकिन वर्तमान समय में इसकी सर्वाधिक उपज उपोष्ण क्षेत्र में होता है | इसका जन्म स्थल मिस्त्र माना जाता है |
विश्व के सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश चीन है | इसके बावजूद भी चीन कपास का निर्यात नहीं करता है | कपास का सबसे बड़ा निर्यातक देश संयुक्त राज्य अमेरिका है | विश्व में कपास के प्रथम उत्पादक देश चीन एवं द्वितीय भारत एवं तृतीय स्थान पर अमेरिका |
कपास उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियां
कपास के उत्पादन के लिए तापमान 21 से 27 के बीच होनी चाहिए |
इसके लिए वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर होनी चाहिए |
कपास उत्पादन के लिए जलवायु पर्याप्त धूप ताकी रेशे चमकदार एवं मजबूत बन सके |
कपास उत्पादन के लिए मिट्टी हालकी एवं उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए | जिसमें चुने का पर्याप्त मात्रा उपस्थित होना चाहिए | काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है |
जूट
जुट उष्ण एवं आर्द्र जलवायु की फसल है | जिसकी कृषि में दक्षिणी एशिया को एकाधिकार प्राप्त है |
इसका उत्पादन भारत ( पश्चिम बंगाल बिहार असम ओडिशा एवं उत्तर प्रदेश है ) बांग्लादेश एवं चीन मिलकर विश्व का 95% से अधिक जूट का उत्पादन करता है |
विश्व मे जूट का प्रथम उत्पादक देश भारत द्वितीय बांग्लादेश एवं तृतीय चीन है | विश्व में जूट का सबसे बड़ा निर्यातक देश बांग्लादेश है |
जूट उत्पादन के लिए आदर्श भौगोलिक परिस्थितियाँ
जूट उत्पादन के लिए तापमान 25 डिग्री से अधिक होनी चाहिए |
जूट उत्पादन के लिए वर्षा 170 सेमी से अधिक होनी चाहिए |
जुट उत्पादन के लिए मिट्टी नवीन जलोढ़ एवं डेल्टाई उपयुक्त मानी जाती है |
विश्व की प्रमुख तिलहन फसलें
ताड़ - तेल
ताड़ - तेल के कृषि के लिए वे सभी भौगोलिक परिस्थितियां आवश्यक होती है | जो नारियल की कृषि के लिए आवश्यक है ताड़ - तेल उत्पत्ति स्थल नाइजीरिया को माना जाता है | लेकिन हाल के वर्षों तक नाइजीरिया ताड़ - तेल का सबसे बड़ा उत्पादक था परंतु वर्तमान समय में यह स्थान इंडोनेशिया को प्राप्त है |
विश्व में ताड़ - तेल का प्रथम उत्पादक देश इंडोनेशिया द्वितीय मलेशिया तृतीय नाइजीरिया है |
मूँगफली
मूँगफली उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंध की फसल है | इसका जन्म स्थल ब्राजील माना जाता है | इसी कृषि मुख्य रूप से भारत चीन एवं नाइजीरिया में की जाती है |
विश्व में मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन द्वितीय भारत एवं तृतीय अमेरिका है |
सोयाबीन
सोयाबीन की कृषि उपोष्ण जलवायु से लेकर शीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु में की जाती है |
विश्व में सोयाबीन का प्रथम उत्पादक देश अमेरिका द्वितीय ब्राज़ील एवं तृतीय अर्जेंटीना है |
अलसी
अलसी फ्लैक्स के पौधे से प्राप्त किया जाता है | उष्ण एवं उपोष्ण जलवायु में फ्लैक्स की कृषि बीज के लिए की जाती है | जिससे तेल निकाला जाता है | जब की शीत शीतोष्ण जलवायु में फ्लैक्स की कृषि रेशा प्राप्ति के लिए की जाती है |
विश्व में अलसी का प्रथम उत्पादक देश कनाडा द्वितीय चीन एवं तृतीय रूस है |
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विश्व की अन्य प्रमुख फसलें
कोको
कोको एक प्रकार का उष्णकटिबंधीय पौधा है | इसकी कृषि विषुवत रेखा के दोनों ओर 20 डिग्री अक्षांश के बीच की जाती है |
इसकी खेती के लिए औसत तापमान 27 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए तथा वर्षा 200 सेमी से अधिक होनी चाहिए | कोको उत्पादन के लिए मिट्टी गहरी एवं उपजाऊ होनी चाहिए जिसमें लोहा एवं पोटाश पर्याप्त मात्रा में उपस्थित हो |
चुकंदर
चुकंदर शीतोष्ण जलवायु की फसल है | एवं इसकी कृषि मुख्य रूप से यूरोप में की जाती है |
चुकंदर की खेती के लिए औसत तापमान 16°C से 24°C के बीच होनी चाहिए | इसकी खेती के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों की अधिक मात्रा उपस्थित होनी चाहिए |
चुकंदर से चीनी भी उत्पादन किया जा सकता है | चुकंदर से उत्पन्न चीनी की लागत गन्ना से प्राप्त चीनी की अपेक्षा अधिक होती है |
चुकंदर उत्पादन में रूस प्रथम स्थान पर तथा द्वितीय स्थान पर फ्रांस एवं तृतीय स्थान पर अमेरिका है |
नारियल
नारियल की खेती के लिए तापमान उच्च ( 25 डिग्री सेल्सियस ) अधिक वर्षा ( 200 सेमी ) तथा अधिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है | नारियल की कृषि के लिए समुद्री जल वायु उत्तम मानी जाती है | इंडोनेशिया , फिलीपीन्स , भारत , फिजी , श्रीलंका , मलेशिया एवं मोजाम्बिक नारियल के प्रमुख उत्पादक देश है |
नारियल उत्पादन में प्रथम स्थान पर इंडोनेशिया द्वितीय स्थान पर फिलीपीन्स एवं तृतीय स्थान पर भारत है |
रेशम
रेशम एक प्रकार की कीड़े से प्राप्त किया जाता है | जिसको जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है | यही कारण है कि इसका उत्पादन मुख्य रूप से उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में किया जाता है | रेशम की उत्पत्ति सर्वप्रथम चीन से हुई है | विश्व के कुल रेशम उत्पादन का 80% से अधिक भाग पूर्वी एवं दक्षिण पूर्वी एशिया से प्राप्त होता है | जापान चीन कोरिया एवं इटली कच्चे रेशम के महत्वपूर्ण निर्यातक है |जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत फ्रांस जर्मनी आदि देश कच्चे रेशम के आयातक है |
रेशम उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन द्वितीय स्थान पर भारत एवं तृतीय स्थान पर उज्बेकिस्तान है |
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