मंगलवार, 22 जुलाई 2025

भारतीय सेना में अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बैच शामिल, जोधपुर में होंगे तैनात

 भारतीय सेना में अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बैच शामिल, जोधपुर में होंगे तैनात

भारतीय सेना में अपाचे का पहला बैच शामिल, जोधपुर में होगी तैनाती, बढ़ेगी मारक क्षमता


जोधपुर, 22 जुलाई 2025: भारतीय सेना के बेड़े में एक नया और अत्यधिक शक्तिशाली अध्याय जुड़ गया है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित अत्याधुनिक अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर (AH-64E Apache Attack Helicopter) का पहला बैच भारत पहुंच चुका है, जिसकी जानकारी भारतीय सेना ने स्वयं सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की है। इन हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोधपुर में तैनात किया जाएगा, जिससे भारतीय सेना की मारक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होने की उम्मीद है।

अपाचे हेलीकॉप्टर को दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। इनकी तैनाती से भारतीय सेना की हवाई युद्ध क्षमता को जबरदस्त मजबूती मिली है, जो किसी भी संभावित खतरे से निपटने में सहायक होगी। सेना ने भी इन अत्याधुनिक मशीनों के आगमन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर उत्साहपूर्ण पोस्ट साझा किए हैं।





अपाचे की खासियत: युद्धक्षेत्र का बदलता चेहरा

अपाचे AH-64E एक ट्विन-टर्बोशाफ्ट अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे हर मौसम में, दिन और रात दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

 * घातक हथियार प्रणाली: अपाचे हेलीकॉप्टर में 30 मिमी की चेन गन, हेलफायर मिसाइलें (Hellfire missiles) और हाइड्रा 70 रॉकेट (Hydra 70 rockets) सहित विभिन्न प्रकार के हथियार लगाए जा सकते हैं, जो इसे बख्तरबंद वाहनों, दुश्मन के हेलीकॉप्टरों और जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाते हैं। इसकी मारक क्षमता दुश्मन के ठिकानों को पलक झपकते ही तबाह करने में सक्षम है।

 * एडवांस एवियोनिक्स: यह अत्याधुनिक सेंसर, नाइट विजन सिस्टम और एकीकृत नेविगेशन प्रणालियों से लैस है, जो पायलटों को जटिल मिशनों को भी सफलतापूर्वक अंजाम देने में सक्षम बनाते हैं। इसकी 'फायर एंड फॉरगेट' (Fire and Forget) क्षमता दुश्मन पर बिना खुद को जोखिम में डाले हमला करने की सहूलियत देती है।

 * उच्च गति और गतिशीलता: अपनी उच्च गति और उत्कृष्ट गतिशीलता के कारण, अपाचे तेजी से युद्धाभ्यास कर सकता है और दुश्मन के हमलों से बच सकता है। यह पर्वतीय और रेगिस्तानी, दोनों तरह के भू-भाग में प्रभावी ढंग से संचालित होने में सक्षम है।

 * युद्ध क्षेत्र में सिद्ध प्रदर्शन: अपाचे हेलीकॉप्टरों ने दुनिया भर के कई संघर्षों में अपनी क्षमता साबित की है, जिससे यह भारतीय सेना के लिए एक अमूल्य संपत्ति बन गया है। इसकी तैनाती से भारतीय सेना को एक सामरिक बढ़त मिलेगी, खासकर पश्चिमी सीमा पर उभरती चुनौतियों से निपटने में।

                   इन हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय सेना की आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और मजबूत हुआ है, जिससे देश की रक्षा और सुरक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा। यह भारतीय सेना की आक्रामक और रक्षात्मक दोनों क्षमताओं को मजबूत करेगा।


सोमवार, 21 जुलाई 2025

19 साल बाद मुंबई लोकल ट्रेन धमाके के सभी 12 आरोपी बरी

 19 साल बाद मुंबई लोकल ट्रेन धमाके के सभी 12 आरोपी बरी

19 साल बाद भी गुनहगार बेनकाब नहीं: मुंबई लोकल ट्रेन धमाके के सभी 12 आरोपी बरी, न्याय पर गहरा सवाल!






मुंबई: 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों को दहला देने वाले सिलसिलेवार बम धमाकों के 19 साल बाद, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले के सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस फैसले ने न केवल पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय की उम्मीदों को झटका दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर इन भीषण हमलों का असली गुनहगार कौन था, जिसमें 189 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 800 लोग घायल हुए थे.

हाई कोर्ट का फैसला: अभियोजन पक्ष की नाकामी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने विस्तृत फैसले में अभियोजन पक्ष पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रॉसिक्यूशन आरोपियों के खिलाफ दोष साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा. पेश किए गए सबूतों को ठोस तथ्यविहीन बताया गया, और अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयान को अविश्वसनीय करार दिया गया.

आरोपियों के बरी होने की मुख्य वजहें

अदालत ने जिन प्रमुख बिंदुओं पर आरोपियों को बरी किया, वे अभियोजन पक्ष की जांच और सबूतों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हैं:

 * सबूतों का अविश्वसनीय होना: कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूत विश्वसनीय नहीं थे और उनमें कई खामियां थीं.

 * पहचान परेड में गंभीर खामियां: पहचान परेड (Identification Parade) में गंभीर प्रक्रियात्मक अनियमितताएं पाई गईं, जिससे उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध हो गई.

 * गवाहों की गवाही संदिग्ध: कई गवाहों की गवाही में विरोधाभास और असंगतियां थीं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा हुआ.

 * जबरन ली गई गवाही कानूनन अमान्य: कोर्ट ने उन गवाहियों को अस्वीकार कर दिया, जो कथित तौर पर जबरन या दबाव में ली गई थीं, क्योंकि ऐसी गवाहियां कानूनन अमान्य होती हैं.

तो फिर मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाके का जिम्मेदार कौन?

बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद, मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों का जिम्मेदार कौन है, यह सवाल एक बार फिर अधर में लटक गया है. 189 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद भी, 19 साल बाद भी गुनहगारों का पता नहीं चल पाया है. यह फैसला न केवल न्याय प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि उन पीड़ित परिवारों के लिए भी एक त्रासदी है, जिन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाया है. यह देखना बाकी है कि अब जांच एजेंसियां इस मामले में आगे क्या कदम उठाती हैं.


लोहे की वस्तुओं को पेंट क्यों किया जाता है?

 हम लोहे की वस्तुओं को पेंट क्यों करते हैं?

लोहे की वस्तुओं को पेंट क्यों किया जाता है?



हम लोहे की वस्तुओं को पेंट इसलिए करते हैं ताकि उन्हें जंग लगने से बचाया जा सके। लोहा एक ऐसी धातु है जो हवा और नमी के संपर्क में आने पर ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके जंग (लोहे का ऑक्साइड) बनाती है। यह जंग लोहे को कमजोर कर देती है और अंततः उसे खराब कर देती है।

पेंट एक सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करता है जो लोहे की सतह को हवा और नमी से अलग कर देता है। जब पेंट की परत लोहे पर होती है, तो ऑक्सीजन और पानी लोहे तक नहीं पहुंच पाते, जिससे जंग लगने की प्रक्रिया रुक जाती है।

पेंट करने के कुछ मुख्य कारण यहाँ दिए गए हैं:

 * जंग से बचाव: यह सबसे महत्वपूर्ण कारण है। पेंट लोहे को जंग लगने से बचाता है, जिससे लोहे की वस्तुओं का जीवन बढ़ जाता है।

 * सौंदर्य: पेंट करने से लोहे की वस्तुओं को एक आकर्षक और नया रूप मिलता है।

 * साफ-सफाई: पेंट की हुई सतहों को साफ करना आसान होता है।

 * घिसाव से बचाव: पेंट की एक परत लोहे की सतह को छोटे-मोटे घिसाव और खरोंचों से भी कुछ हद तक बचा सकती है।

संक्षेप में, पेंट लोहे की वस्तुओं के लिए एक सुरक्षा कवच है जो उन्हें लंबे समय तक सुरक्षित और सुंदर बनाए रखने में मदद करता है।


शनिवार, 19 जुलाई 2025

राहुल गांधी ने '5 जहाज़ों' को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, पहलगाम हमले के बाद हुए संघर्ष पर ट्रंप के बयान का हवाला


राहुल गांधी ने '5 जहाज़ों' को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, पहलगाम हमले के बाद हुए संघर्ष पर ट्रंप के बयान का हवाला

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है, जिसमें उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान का हवाला देते हुए "5 जहाज़ों" के रहस्य पर स्पष्टीकरण मांगा है। राहुल गांधी ने ज़ोर देकर कहा है कि देश को इस संवेदनशील मुद्दे का सच जानने का अधिकार है। यह बयान हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए कथित सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में आया है।

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X  पर  एक वीडियो साझा किया है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर पहलगाम हमले के बाद की स्थिति और मई 2025 में हुए भारत-पाक संघर्ष का जिक्र करते हुए सुने जा सकते हैं। इस वीडियो में, ट्रंप कहते हुए दिख रहे हैं, "मुझे लगता है कि शायद पाँच जेट नष्ट हो गए थे... शायद भारतीय पक्ष के, या पाकिस्तान के। लेकिन पाँच जेट थे, मुझे लगता है।"

हालांकि, ट्रंप ने अपने बयान में यह स्पष्ट नहीं किया कि ये पाँच जेट विमान किस देश के थे, या इस कथित संघर्ष में किस पक्ष को कितना नुकसान हुआ था। उनका यह बयान, विशेष रूप से राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत - पाक सैन्य संघर्ष में बार बार ये दावा कर रहे है की ये युद्व हमने रूकबया है  इस तरह के संवेदनशील सैन्य घटनाक्रम पर टिप्पणी करना, राजनीतिक गलियारों में और मीडिया में गहन चर्चा का विषय बन गया है।

राहुल गांधी ने इसी अस्पष्टता को उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी से सीधा सवाल किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "मोदी जी, 5 जहाज़ों का सच क्या है? देश को जानने का हक है! 




क्या है '5 जहाज़ों' का संदर्भ और रहस्य?

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी। इस बर्बरता का जवाब देने के लिए, भारत ने 6-7 मई, 2025 की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया, जिससे 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारत ने इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ता का प्रमाण बताया।
  
भारत की इस आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे 7 मई से 10 मई, 2025 तक दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष चला। भारतीय सेना ने इस दौरान पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया।
हालांकि, इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने यह दावा किया कि उसने भारत के कई फाइटर जेट मार गिराए हैं। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने एक राफेल, सहित 6 विमान मार गिराने का दावा किया  इस पर भारत ने नकार दिया है और कहा है की इसका पाकिस्तान के पास कोई प्रूफ है तो दिखाए 

  इसी को लेकर राष्टपति ट्रंप ने ये दावा किया की भारत पाक सैन्य संघर्ष में शायद 5 फाइटर जेट नष्ट हुए हालाँकि ये नहीं बताये की इसमें भारत की कितने विमान नष्ट हुए 


कांग्रेस का सरकार पर दबाव और पारदर्शिता की मांग

कांग्रेस पार्टी, विशेष रूप से राहुल गांधी, राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य कार्रवाइयों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से लगातार पारदर्शिता की मांग करते रहे हैं। उनका यह ताजा हमला भी उसी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे प्रधानमंत्री से सीधे तौर पर जवाबदेही मांग रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार ऐसे संवेदनशील मामलों पर भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे जनता में भ्रम और अविश्वास पैदा होता है। विपक्ष का कहना है कि पहलगाम जैसे गंभीर आतंकी हमले के बाद अगर कोई सैन्य जवाबी कार्रवाई हुई है, तो उसकी पूरी जानकारी जनता को मिलनी चाहिए।

सरकार की ओर से चुप्पी

फिलहाल, केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से राहुल गांधी के इस सवाल या डोनाल्ड ट्रंप के कथित बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार की ओर से इस मामले पर चुप्पी बरकरार है, जिससे अटकलें और तेज़ हो रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह कदम आगामी राजनीतिक परिदृश्य में सरकार पर दबाव बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर बहस को तेज़ करने का प्रयास है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति में, देश की जनता इन "5 जहाज़ों" के पीछे के सच को जानने का इंतज़ार कर रही है और सरकार से त्वरित व स्पष्टीकरण की उम्मीद कर रही है।


भारत बना रहा है 'अदृश्य' शिकारी ड्रोन: दुश्मन के रडार और इंफ्रारेड से बचेगा, कुछ ही सेकंड में करेगा हमला, बदलेगा युद्ध का चेहरा!

 भारत का 'अदृश्य' शिकारी ड्रोन: दुश्मन के रडार और इंफ्रारेड से बचेगा, कुछ ही सेकंड में करेगा हमला, बदलेगा युद्ध का चेहरा!




भारत बना रहा है  'अदृश्य' शिकारी ड्रोन: दुश्मन के रडार और इंफ्रारेड से बचेगा, कुछ ही सेकंड में करेगा हमला, बदलेगा युद्ध का चेहरा!

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. देश में एक अत्याधुनिक ड्यूल स्टेल्थ ड्रोन का निर्माण चल रहा है, जो भविष्य के युद्ध परिदृश्य में भारत को निर्णायक बढ़त दिलाएगा. यह सिर्फ एक ड्रोन नहीं, बल्कि दुश्मन के लिए किसी दुःस्वप्न से कम नहीं होगा.

रडार और इंफ्रारेड से 'अदृश्य': दुश्मन की पकड़ से बाहर

इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी अदृश्यता (स्टेल्थ) है. इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जा रहा है कि यह न केवल दुश्मन के हाई-रेंज रडार से बच निकलेगा, बल्कि इंफ्रारेड सिग्नलों द्वारा भी इसका पता नहीं लगाया जा सकेगा. पारंपरिक रडार और इंफ्रारेड डिटेक्शन सिस्टम अक्सर विमानों और ड्रोन की गर्मी या उनकी धातु संरचना से उत्पन्न होने वाले सिग्नलों को पकड़ते हैं. हालांकि, यह नया भारतीय ड्रोन विशेष सामग्री और डिज़ाइन तकनीकों का उपयोग करेगा, जिससे यह इन सिग्नलों को न्यूनतम कर देगा, जिससे दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाएगा. यह क्षमता हवाई क्षेत्र में भारत को एक रणनीतिक लाभ प्रदान करेगी, जिससे यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ कर सकेगा और बिना पता चले लक्ष्य को भेद सकेगा.

कुछ ही सेकंड में घातक हमला: तीव्र प्रतिक्रिया और सटीकता

यह अत्याधुनिक ड्रोन न केवल अदृश्य होगा, बल्कि इसकी मारक क्षमता भी बेजोड़ होगी. यह कुछ ही सेकंड में दुश्मन पर घातक हमला करने में सक्षम होगा. यह तीव्र प्रतिक्रिया क्षमता युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण साबित होगी, जहां समय का हर पल मायने रखता है. ड्रोन की गति, सटीकता और तत्काल हमला करने की क्षमता इसे दुश्मन के ठिकानों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों या गतिमान लक्ष्यों के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाएगी. इसकी यह खूबी भारतीय सेना को दुश्मन पर त्वरित और अप्रत्याशित हमला करने का अवसर देगी, जिससे दुश्मन को जवाबी कार्रवाई का समय ही नहीं मिलेगा.

भारतीय सेना की ताकत में अभूतपूर्व वृद्धि

जैसे ही यह 'अदृश्य' शिकारी ड्रोन पूरी तरह से विकसित और सेना में शामिल हो जाएगा, भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत में अभूतपूर्व वृद्धि होगी. यह ड्रोन भारतीय वायु सेना और थल सेना को एक नया रणनीतिक हथियार देगा, जिससे वे दुश्मन के खिलाफ हवाई श्रेष्ठता हासिल कर सकेंगे. इसकी उन्नत तकनीक और मारक क्षमता को देखकर निश्चित रूप से दुश्मन के खेमे में खलबली मच जाएगी, क्योंकि उन्हें एक ऐसे खतरे का सामना करना पड़ेगा जिसे वे देख या ट्रैक नहीं कर पाएंगे.

यह प्रोजेक्ट भारत की रक्षा क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाएगा और देश को हवाई युद्ध के मैदान में एक निर्णायक बढ़त दिलाएगा. यह न केवल भारत की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा, बल्कि क्षेत्र में एक मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा. यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन और नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.



HDFC बैंक ने जारी किए Q1 नतीजे: रिकॉर्ड मुनाफा, पहली बार बोनस शेयर और स्पेशल डिविडेंड का ऐलान

 HDFC बैंक के मुनाफे में 12% का इजाफा, साथ ही NPA में भी बढ़ोतरी; निवेशकों के लिए स्पेशल डिविडेंड और बोनस शेयर का ऐलान

 



HDFC बैंक ने जारी किए Q1 नतीजे: रिकॉर्ड मुनाफा, पहली बार बोनस शेयर और स्पेशल डिविडेंड का ऐलान

मुंबई: देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता HDFC बैंक ने शनिवार को अपने पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजों की घोषणा कर दी है. बैंक ने इस तिमाही में ₹18,155 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के ₹16,175 करोड़ की तुलना में 12% अधिक है. हालांकि, बैंक के गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) में भी मामूली वृद्धि देखी गई है. निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर के तौर पर, बैंक ने स्पेशल अंतरिम डिविडेंड के साथ बोनस शेयर जारी करने की भी घोषणा की है, जो बैंक के इतिहास में पहली बार होगा.

मुख्य बातें:

 * मुनाफे में वृद्धि: HDFC बैंक का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में सालाना आधार पर 12% बढ़कर ₹18,155 करोड़ हो गया है. यह वृद्धि बैंक के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाती है.

 * ब्याज आय में सुधार: बैंक की ब्याज से होने वाली आय (Interest Income) ₹73,033 करोड़ से बढ़कर ₹77,470 करोड़ हो गई है, जिसमें 6% की वृद्धि दर्ज की गई है.

 * NPA में इजाफा: हालांकि, बैंक की संपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality) पर दबाव दिखा है, क्योंकि सकल NPA (Gross NPA) में मामूली वृद्धि हुई है.

 * बोनस शेयर का ऐतिहासिक ऐलान: HDFC बैंक ने अपने इतिहास में पहली बार 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि प्रत्येक शेयरधारक को उनके पास मौजूद प्रत्येक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा. बोनस शेयरों के लिए रिकॉर्ड डेट 27 अगस्त, 2025 तय की गई है.

 * स्पेशल अंतरिम डिविडेंड: बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹5 प्रति इक्विटी शेयर (₹1 के फेस वैल्यू पर 500% भुगतान) का स्पेशल अंतरिम डिविडेंड देने की भी घोषणा की है. इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 25 जुलाई, 2025 है और भुगतान 11 अगस्त, 2025 को किया जाएगा.

बाजार पर असर और आगे की राह:

HDFC बैंक के मजबूत मुनाफे और पहली बार बोनस शेयर जारी करने की घोषणा से शेयरधारकों में उत्साह देखा जा रहा है. बैंक प्रबंधन ने निवेशकों को पुरस्कृत करने और भविष्य की संभावनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है. हालांकि, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव और NPA में वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है, जिस पर बैंक को आने वाली तिमाहियों में ध्यान देना होगा. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि RBI द्वारा रेपो दरों में कटौती के बावजूद मार्जिन दबाव में रह सकते हैं. बैंक की ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि, साथ ही परिसंपत्ति गुणवत्ता पर प्रबंधन की टिप्पणियाँ, निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगी.


ट्रंप का बड़ा दावा: मई 2025 भारत-पाक संघर्ष में गिरे 5 जेट; पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य पर भी नई जानकारी

 ट्रंप का दावा: भारत-पाक संघर्ष में गिरे 5 जेट, 


ट्रंप का बड़ा दावा: मई 2025 भारत-पाक संघर्ष में गिरे 5 जेट; पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य पर भी नई जानकारी



न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान "पांच जेट विमान मार गिराए गए"। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये लड़ाकू विमान किस देश के थे या किस देश को कितने विमानों का नुकसान हुआ।

ट्रंप ने अपने इस दावे को दोहराया है कि उनके हस्तक्षेप से ही यह संघर्ष समाप्त हुआ। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के लिए आयोजित एक रात्रिभोज के दौरान उन्होंने कहा, "हमने कई बड़े युद्धों को रोका है। भारत और पाकिस्तान के बीच भी ऐसा ही हुआ। वहां विमान हवा से गिराए जा रहे थे, शायद चार या पांच। मुझे लगता है कि वास्तव में पांच जेट विमान मार गिराए गए।"

उन्होंने आगे कहा, "यह और बिगड़ता जा रहा था। ये दो गंभीर परमाणु-सम्पन्न देश हैं, और वे एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच यह आगे-पीछे चल रहा था, और यह बड़ा होता जा रहा था। और हमने इसे व्यापार के माध्यम से सुलझाया। हमने कहा, 'आप लोग एक व्यापार समझौता करना चाहते हैं। यदि आप हथियार और शायद परमाणु हथियार फेंक रहे हैं तो हम कोई व्यापार समझौता नहीं करने वाले हैं।"

भारत-पाक संघर्ष का घटनाक्रम:

यह दावा मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संदर्भ में आया है। यह संघर्ष 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। जवाब में, भारत ने 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर भीषण बमबारी की, जिसमें लगभग 100 आतंकी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर पलटवार किया।

9 और 10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरफोर्स बेस को नष्ट कर दिया। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई, और 10 मई की शाम को भारत ने सीजफायर का ऐलान किया।

विमानों के नुकसान पर अस्पष्टता:

ट्रंप के दावे के बावजूद, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि गिरे हुए पांच विमानों में से कितने भारत के थे और कितने पाकिस्तान के। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने भारतीय वायुसेना के तीन राफेल जेट सहित कई विमान मार गिराए, लेकिन इस दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है। वहीं, भारत ने अपने राफेल विमानों के नुकसान से इनकार किया है। भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने मई के अंत में स्वीकार किया था कि झड़प के पहले दिन कुछ विमानों का नुकसान हुआ था, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के छह भारतीय जेट गिराने के दावे को खारिज कर दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप की नई दवा:

वहीं, दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप के स्वास्थ्य को लेकर भी खबरें आ रही हैं। हाल ही में उन्हें "क्रोनिक वेनस इंसफिशिएंसी" नामक एक सामान्य स्थिति का पता चला है, जो पैरों में हल्की सूजन का कारण बनती है। व्हाइट हाउस ने बताया कि यह एक सौम्य स्थिति है जो 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में आम है। यह स्थिति तब होती है जब पैरों की नसों में छोटे वाल्व ठीक से काम नहीं कर पाते, जिससे रक्त पैरों में जमा होने लगता है। ट्रंप को यह समस्या उनके बार-बार हाथ मिलाने की आदत और एस्पिरिन लेने के कारण हुई बताई जा रही है। इस स्थिति के इलाज के लिए आमतौर पर कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स, पैरों को ऊपर रखना, स्वस्थ आहार और वजन नियंत्रण शामिल हैं। गंभीर मामलों में दवाएं और चिकित्सा प्रक्रियाएं भी उपलब्ध हैं, हालांकि कोई निश्चित इलाज नहीं है।


EU ने लगाया भारत पर प्रतिबंध: क्या रूस से दोस्ती का बदला ले रहा पश्चिमी देश?

 EU ने लगाया भारत पर प्रतिबंध: क्या रूस से दोस्ती का बदला ले रहा पश्चिमी देश?

ईयू का भारत पर प्रतिबंध: क्या रूस से दोस्ती का 'बदला' ले रहा पश्चिमी खेमा?



नई दिल्ली: यूरोपीय संघ (EU) ने रूस पर अपने नवीनतम प्रतिबंध पैकेज के तहत भारत की एक प्रमुख तेल रिफाइनरी, नायरा एनर्जी (Nayara Energy) पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसमें रूसी ऊर्जा दिग्गज रोसनेफ्ट (Rosneft) की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। इस कदम ने भारत में गहरी चिंता पैदा कर दी है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह पश्चिमी देशों द्वारा रूस के साथ भारत के लगातार मजबूत होते संबंधों का "बदला" लेने का प्रयास है।


   


नायरा एनर्जी पर प्रतिबंध का मतलब क्या है?

यूरोपीय संघ के इस 18वें प्रतिबंध पैकेज में नायरा एनर्जी के गुजरात स्थित वाडिनार रिफाइनरी को निशाना बनाया गया है। इन प्रतिबंधों के तहत, नायरा एनर्जी अब यूरोपीय देशों को रूसी कच्चे तेल से बने पेट्रोलियम उत्पादों, जैसे पेट्रोल और डीजल, का निर्यात नहीं कर पाएगी। इसके अलावा, रूसी कच्चे तेल के परिवहन में शामिल भारतीय ध्वज वाले जहाजों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। यूरोपीय संघ ने रूसी तेल पर मूल्य सीमा को $60 प्रति बैरल से घटाकर लगभग $47.6 प्रति बैरल कर दिया है, जिसका उद्देश्य रूस की तेल आय को और कम करना है।

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने कहा, "पहली बार, हम एक ध्वज रजिस्ट्री और भारत में सबसे बड़ी रोसनेफ्ट रिफाइनरी को नामित कर रहे हैं।" ये प्रतिबंध "शैडो फ्लीट" (उन जहाजों का बेड़ा जो रूस के तेल को छुपा कर ले जाते हैं) और रूसी कच्चे तेल के व्यापारियों से जुड़ी कंपनियों को भी निशाना बनाते हैं।

भारत की तीखी प्रतिक्रिया: 'दोहरा मानदंड अस्वीकार्य'

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इन प्रतिबंधों पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं करता है जो संयुक्त राष्ट्र के ढांचे से बाहर लगाए गए हों। उन्होंने ऊर्जा व्यापार में "दोहरे मानदंड" अपनाने के लिए यूरोपीय संघ की आलोचना की। जायसवाल ने जोर देकर कहा कि भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है और अपने कानूनी दायित्वों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, साथ ही नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

क्या यह रूस से दोस्ती का परिणाम है?

पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं और अन्य देशों से भी रूस के साथ व्यापार संबंध कम करने का आग्रह किया है। भारत, हालांकि, रूस से रियायती दरों पर कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक बना हुआ है, जिससे पश्चिमी देशों को यह चिंता है कि इससे रूस को युद्ध के लिए धन जुटाने में मदद मिल रही है।

नाटो (NATO) के महासचिव मार्क रट ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अगर ब्राजील, चीन और भारत जैसे देश रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं, तो उन पर "माध्यमिक प्रतिबंध" (secondary sanctions) लगाए जा सकते हैं। यूरोपीय संघ का नायरा एनर्जी पर प्रतिबंध सीधे तौर पर भारत को निशाना बनाता है, जो रूस के साथ उसके ऊर्जा संबंधों को कम करने के लिए दबाव बनाने की एक स्पष्ट कोशिश प्रतीत होती है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रतिबंध पश्चिमी देशों की बढ़ती हताशा को दर्शाता है, क्योंकि उनके द्वारा लगाए गए प्राथमिक प्रतिबंधों के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था पर उतना गहरा असर नहीं पड़ा है जितना उम्मीद की जा रही थी, जिसका एक कारण भारत और चीन जैसे देशों द्वारा रूसी तेल की खरीद है।

आगे क्या? चुनौतियां और अवसर

इन प्रतिबंधों से नायरा एनर्जी को परिचालन संबंधी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर यूरोपीय बाजारों में निर्यात के मामले में। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इसका भारत के समग्र तेल आयात पर सीमित प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि अन्य भारतीय रिफाइनरियों के लिए रूसी तेल और अधिक आकर्षक हो सकता है, क्योंकि इसकी कीमत कम हो जाएगी।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यूरोपीय संघ इन प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से लागू कर पाता है, खासकर अमेरिकी समर्थन के अभाव में। भारत के लिए यह एक कूटनीतिक चुनौती है, क्योंकि उसे अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को भी संतुलित करना होगा। क्या यह कदम भारत को वैकल्पिक ऊर्जा साझेदारियों की तलाश करने या संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से बातचीत करने के लिए प्रेरित करेगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।


शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

अमेरिका का पाकिस्तान को बड़ा झटका: TRF 'आतंकवादी संगठन' घोषित

 अमेरिका का पाकिस्तान को बड़ा झटका: TRF 'आतंकवादी संगठन' घोषित

पाकिस्तान की नाकामी उजागर: अमेरिका ने TRF को घोषित किया वैश्विक आतंकी

जम्मू-कश्मीर में आतंक पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम 

वाशिंगटन डीसी/नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका देते हुए, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित कर दिया है। यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

TRF: लश्कर-ए-तैयबा का नया मुखौटा

TRF पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी या मुखौटा संगठन है। इसका गठन अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किया गया था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा एजेंसियों की नज़रों से बचकर अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने TRF को विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हालांकि TRF ने शुरुआत में इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण बाद में इससे मुकर गया था।

'हाइब्रिड आतंकवादी' TRF की कार्यप्रणाली का एक खतरनाक पहलू है। यह संगठन ऐसे लोगों को भर्ती करता है जो आम नागरिकों की तरह दिखते हैं, लेकिन गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं।

भारत ने इस खतरे को पहले ही भांप लिया था। 5 जनवरी 2023 को ही भारत ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत TRF को आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित कर दिया था। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और आतंकी ढांचों को पूरी तरह से खत्म करना बेहद ज़रूरी है।

अमेरिका के कदम का पाकिस्तान पर गहरा असर

अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव काफी बढ़ जाएगा। लंबे समय से यह संदेह रहा है कि TRF को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण प्राप्त है। अब अमेरिका की घोषणा इस धारणा को और मज़बूती देगी।

वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध TRF पर अब कई तरह के गंभीर कानूनी प्रतिबंध लगेंगे, जिनमें वित्तीय पाबंदी, यात्रा पर रोक और हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध शामिल हैं। ये प्रतिबंध संगठन की गतिविधियों और उसके वित्तपोषण पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी कूटनीतिक नाकामी भी है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का विरोध किया था। अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक छवि और उजागर हुई है।

कुल मिलाकर, अमेरिका द्वारा TRF को आतंकवादी संगठन घोषित करना भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के बीच गहरे सहयोग को दर्शाता है। उम्मीद है कि यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम कसने में कारगर साबित होगा।

क्या आपको लगता है कि इस कदम से क्षेत्र में आतंकवाद पर अंकुश लगाने में वास्तविक रूप से मदद मिलेगी?


गुरुवार, 17 जुलाई 2025

नितीश कुमार का ऐतिहासिक घोषणा , राज्य में 125 यूनिट बिजली मुफ्त: 1.67 करोड़ परिवारों को राहत, सौर ऊर्जा क्रांति की तैयारी

 राज्य में 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त, सौर ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा

राज्य में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, सौर ऊर्जा से रोशन होंगे घर: बिहार सरकार का ऐतिहासिक फैसला


पटना , 17 जुलाई, 2025 – राज्य सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए 1 अगस्त, 2025 से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। यह सुविधा जुलाई माह के बिल से ही प्रभावी होगी। सरकार के इस कदम से राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे बिजली के बढ़ते बिलों से जूझ रहे लाखों घरों को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार शुरू से ही सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यह नई पहल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

             


 

सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की ओर कदम

बिजली मुफ्त करने के साथ-साथ, सरकार ने अगले तीन वर्षों में राज्य में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है। इस योजना के तहत, सभी घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों पर या नजदीकी सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

कुटीर ज्योति योजना के तहत विशेष सहायता

विशेष रूप से, कुटीर ज्योति योजना के तहत आने वाले अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी सरकार उचित सहयोग प्रदान करेगी ताकि वे आसानी से सौर ऊर्जा अपना सकें।

सरकार का अनुमान है कि इस पहल से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई खर्च नहीं देना पड़ेगा, बल्कि अगले तीन वर्षों में राज्य में 10 हजार मेगावाट तक सौर ऊर्जा उपलब्ध हो जाएगी। यह कदम राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

यह योजना राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और हजारों परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है।