शनिवार, 19 जुलाई 2025

HDFC बैंक ने जारी किए Q1 नतीजे: रिकॉर्ड मुनाफा, पहली बार बोनस शेयर और स्पेशल डिविडेंड का ऐलान

 HDFC बैंक के मुनाफे में 12% का इजाफा, साथ ही NPA में भी बढ़ोतरी; निवेशकों के लिए स्पेशल डिविडेंड और बोनस शेयर का ऐलान

 



HDFC बैंक ने जारी किए Q1 नतीजे: रिकॉर्ड मुनाफा, पहली बार बोनस शेयर और स्पेशल डिविडेंड का ऐलान

मुंबई: देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता HDFC बैंक ने शनिवार को अपने पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजों की घोषणा कर दी है. बैंक ने इस तिमाही में ₹18,155 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के ₹16,175 करोड़ की तुलना में 12% अधिक है. हालांकि, बैंक के गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) में भी मामूली वृद्धि देखी गई है. निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर के तौर पर, बैंक ने स्पेशल अंतरिम डिविडेंड के साथ बोनस शेयर जारी करने की भी घोषणा की है, जो बैंक के इतिहास में पहली बार होगा.

मुख्य बातें:

 * मुनाफे में वृद्धि: HDFC बैंक का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में सालाना आधार पर 12% बढ़कर ₹18,155 करोड़ हो गया है. यह वृद्धि बैंक के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाती है.

 * ब्याज आय में सुधार: बैंक की ब्याज से होने वाली आय (Interest Income) ₹73,033 करोड़ से बढ़कर ₹77,470 करोड़ हो गई है, जिसमें 6% की वृद्धि दर्ज की गई है.

 * NPA में इजाफा: हालांकि, बैंक की संपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality) पर दबाव दिखा है, क्योंकि सकल NPA (Gross NPA) में मामूली वृद्धि हुई है.

 * बोनस शेयर का ऐतिहासिक ऐलान: HDFC बैंक ने अपने इतिहास में पहली बार 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि प्रत्येक शेयरधारक को उनके पास मौजूद प्रत्येक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा. बोनस शेयरों के लिए रिकॉर्ड डेट 27 अगस्त, 2025 तय की गई है.

 * स्पेशल अंतरिम डिविडेंड: बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹5 प्रति इक्विटी शेयर (₹1 के फेस वैल्यू पर 500% भुगतान) का स्पेशल अंतरिम डिविडेंड देने की भी घोषणा की है. इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 25 जुलाई, 2025 है और भुगतान 11 अगस्त, 2025 को किया जाएगा.

बाजार पर असर और आगे की राह:

HDFC बैंक के मजबूत मुनाफे और पहली बार बोनस शेयर जारी करने की घोषणा से शेयरधारकों में उत्साह देखा जा रहा है. बैंक प्रबंधन ने निवेशकों को पुरस्कृत करने और भविष्य की संभावनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है. हालांकि, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव और NPA में वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है, जिस पर बैंक को आने वाली तिमाहियों में ध्यान देना होगा. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि RBI द्वारा रेपो दरों में कटौती के बावजूद मार्जिन दबाव में रह सकते हैं. बैंक की ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि, साथ ही परिसंपत्ति गुणवत्ता पर प्रबंधन की टिप्पणियाँ, निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगी.


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें