सोमवार, 21 जून 2021

पर्वत के बारे में वर्णन करें ,नविन मोड़दार पर्वत , प्राचीन मोड़दार पर्वत , ब्लॉक पर्वत , वलित पर्वत , भ्रंश पर्वत

 

   पर्वत  के बारे में वर्णन करें




 धरातल पर स्थित वैसे उच्चावच  जिसका  शीर्ष  आधार ताल की तुलना में संकुचित हो तथा ढाल तीव्र हो पर्वत कहलाता है | 

 पर्वत अपने आसपास के क्षेत्र से अधिक ऊंचा होता है | जिसके कारण वह दूर से स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है |

  पर्वतों की उत्पत्ति भू संचलन, ज्वालामुखी आदि क्रियाओं के द्वारा हुई है | 

              पर्वत विभिन्न स्वरूप के होते हैं

                            पर्वत श्रेणी 

  एक ही काल में निर्मित विभिन्न पर्वतों के निश्चित क्रम को पर्वत श्रेणी कहा जाता है | 

        जैसे  - हिमालय

                       पर्वत श्रृंखला 

 विभिन्न  युगों में भिन्न  भिन्न प्रकार से निर्मित लंबे तथा  संकरे पर्वतों का विस्तार होता है  पर्वत श्रृंखला कहलाता है | 

 जैसे  - अपलेसियन

                             पर्वत तंत्र 

 एक ही युग में एक ही प्रकार से निर्मित होने वाले समूह शामिल होते हैं इस प्रकार के पर्वत को पर्वत तंत्र कहा जाता है | 

                            पर्वत समूह 

  इसमें विभिन्न काल में अलग-अलग प्रकार से निर्मित पर्वत श्रेणीया , तंत्र एवं श्रृंखलाएं पाई जाती है |   पर्वत समूह कहलाता है |

                             पर्वत कटक 

   इसमें लंबे एवं  संकरे आकार की  संकीर्ण एवं ऊंची पहाड़ियों के पर्वत खंड शामिल होते हैं |    

          उत्पत्ति के आधार पर पर्वतों का  वर्गीकरण   

 उत्पत्ति के आधार पर पर्वतों को दो भागों में बांटा गया है 

 (1)  नवीन  मोड़दार पर्वत 

 (2)  प्राचीन  मोड़दार पर्वत 

              (1)  नवीन  मोड़दार पर्वत    

     टर्शियरी  युग के समय  बने  मोड़दार पर्वतों को नवीन मोड़ दार पर्वत कहा जाता है  | संसार के लगभग सभी ऊंचे पर्वत वलित पर्वत के अंतर्गत ही आता है | 

   जैसे  -  रॉकी , हिमालय ,  आल्पस, एंडीज आदि    

               (2)  प्राचीन  मोड़दार पर्वत 

        टर्शियरी युग  के पूर्व अर्थात कैलिडोनियन एवं हर्शिनियन निर्माणकारी हलचलो के कारण  उत्पन्न पर्वत प्राचीन  मोड़दार  पर्वत कहलाता है | 

    इन पर्वतों पर अपरदन अनाच्छादन एवं उत्थान की क्रियाओं का स्पष्ट प्रभाव पड़ा है |  जिसके कारण  वे अपने  मूल रूप को खो चुके हैं | इसमें से कुछ पर्वत अवशिष्ट पर्वत के रूप में बदल गया है | 

 जैसे -  अरावली ,  विंध्याचल ,  युवराल , अपलेसियन आदि

               पर्वतों के सामान्य प्रकार 

                           वलित  पर्वत 

ये वलन क्रिया द्वारा निर्मित तथा  सबसे ऊंचे तथा सबसे विस्तृत पर्वत है |

 जैसे -  हिमालय ,रॉकी , एटलस, एंडीज आदि |

                  भ्रंश या  ब्लॉक पर्वत

 वैसे पर्वत जो धरातलीय भागों में भ्रंश उत्पन्न होने के कारण धरातल का कुछ भाग ऊपर उठ जाता है या नीचे धंस जाता है तो ऊंचे  उठे भाग को  भ्रंश या ब्लॉक पर्वत कहा जाता है | 

 जैसे -  सतपुड़ा ,  ब्लैक फॉरेस्ट , साल्ट रेंज |

                     अवशिष्ट पर्वत

 वैसे पर्वत जो अपरदन क्रिया के बाद अवशेष के रूप में बचे रहता है या  पूरी तरह अपरदित्त होकर लगभग समतल हो जाता है | इस प्रकार ऊंचे उठे भाग को अवशिष्ट पर्वत कहा जाता है | 

     जैसे -  अरावली पर्वत | 

                    गुंबदाकार पर्वत

 जब धरातलीय भाग  चाप के आकार  उभार होता है तो धरातलीय भाग ऊपर  उठ जाता है | जिसे गुंबदाकार पर्वत कहा जाता है |

 जैसे  - सिनसिनाती 

                       संगृहित पर्वत

 धरातल के ऊपर मिट्टी , मलवा , लावा इत्यादि के निरंतर जमा होते रहने के कारण  निर्मित पर्वतों को संगृहित पर्वत कहा जाता है | 

 जैसे -  रेनियर , हुड  शास्ता | 

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