शनिवार, 9 मई 2020

घर्षण किस प्रकार हमारे शत्रु और मित्र दोनों है ?,घर्षण एक आवश्यक दोष है वर्णन करे ,घर्षण हानिकारक है परन्तु अनिवार्य है क्यों ?

घर्षण किस प्रकार शत्रु एवं मित्र दोों है ?या घर्षण एक आवश्यक दोष है ? व्याख्या करें|या घर्षण हानिकारक परन्तु अनिवार्य है ?

निम्नलिखित कारणों से स्पष्ट हो जाता है की घर्षण शत्रु और मित्र दोनों है ...............

1) यदि हमारे पैर और पृथ्वी के बीच घर्षण न होता तो हमलोग जमीन पर चल या दौड़ नहीं सकते है |जबहम चलते है तो अपने पैर से जमीन को पीछे की ओर धकेलते है अर्थात घर्षण हमारे पैर या जूते को पकडे रखता है जिससे हम आगे की ओर बढ़ते है |
2) हमारी उंगुलिओ और हथेलिओ के खुदरेपन के कारण ही हम किसी वस्तु को अच्छी तरह पकड़ पाते है |
3) घर्षण के कारण ही हम कागज पर लिख पाते है |अर्थात पेन या पेन्सिल के नोक और कागज के बीच घर्षण होता है जिसके कारण हम कागज पर लिख पाते है |
4) घर्षण के कारण ही कील और पेंच लकड़ी या दीवार में टिक पाता है यदि घर्षण न होता तो हम दीवार में कील नहीं ठोंक पाते |
5) घर्षण के कारण ही पेन्सिल से लिखे हुए शब्दों को रबड़ से मिटा देते है |
6)घर्षण के कारण ही हमलोग माचिस जला पाते है 
7)स्कूटर ,साईकिल ,या अन्य गाड़िओ को रोकने में ब्रेक का प्रयोग करते है जो घर्षण आधारित होता है ,अर्थात घर्षण के कारण ही ब्रेक लगा पाते है |
8) सड़क और किसी वाहन के टायरों के बीच घर्षण के कारण ही गतिशील  हो पता है |                                    
 9)  घर्षण के कारण ही मशीनों के पार्ट पुर्जे घिस जाते है |
10)घर्षण के कारण ही मशीनों की दक्षता कम हो जाती है |
11)घर्षणगति का विरोध करती है इसलिए कई कार्य करना कठिन हो जाता है   |
                इस प्रकार हम कह सकते है की घर्षण हमारे मित्र और शत्रु दोनों है 

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