अपकेन्द्री बल किसे कहते है ?,या अपकेन्द्री क्या है ?
अपकेन्द्री बल
कुछ विशेष परिस्थिति में ऐसा अनुभव होता है की किसी वृतीय गति करती वस्तु पर बाहर की ओर एक बल लग रहा है जबकि वास्तव में वस्तु पर बल लगा नहीं होता
है |इस बल को ही अपकेन्द्री बल कहते है |
है |इस बल को ही अपकेन्द्री बल कहते है |
यह एक आभासी बल होता है ,
दूधसे क्रीम निकालने की मशीन इसी सिद्धांत पर कार्य करती है |
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अभिकेंद्र बल
जब कोई वस्तु किसी निश्चित बिन्दु के परितः वृतीय पथ पर अचर वेग से गति करता है तब वृतीय गति करती प्रत्येक वस्तु पर एक बल केंद्र की ओर लगता है जिसे अभिकेंद्र बल कहते है
अभिकेंद्र बल = द्रव्यमान × अभिकेंद्र त्वरण
F = mv2/r
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अभिकेंद्र त्वरण
जब एक समान वृतीय गति करते हुए वस्तु का वेग लगातार बदलता रहता है| अतः वस्तु की गति में एक त्वरण विधमान रहता है |इस त्वरण की दिशा सदैव
वृत्त के केंद्र की ओर होती है जिसे अभिकेंद्र त्वरण कहा जाता है |
वृत्त के केंद्र की ओर होती है जिसे अभिकेंद्र त्वरण कहा जाता है |
इसे त्रिज्य त्वरण भी कहा जाता है |
अभिकेंद्र त्वरण. = v2/r = rw2
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