अधातु किसे कहते है ? इसके गुणों को लिखें , अधातुओ के उपयोग क्या है ?
आधातु - वैसे पदार्थ जिसमे तन्यता , आघातवर्ध्यता , धातुई चमक , कठोरता इत्यादि गुण नहीं पाया जाता है | अधातु कहलाता है |
अधातुओ के गुण : -
अधातुओ के भौतिक गुण : -
1) धातुई चमक - अधातुओ में धातुई चमक नहीं पाई जाती है| अ्थात इसमें एक विशेष प्रकार की चमक नहीं पाई जाती है|
अपवाद में , ग्रेफाइड , आयोडीन इत्यादि अधातु है फिर भी इसमें धातुई चमक है |
2) कठोरता - अधातुएँ साधारणतः कोमल होती है |
अपवाद , हीरा अधातु है फिर भी सर्वाधिक कठोर होता है |
3) आघातवर्धनीयता - अधाुओ में आघातवर्ध्यता का गुण नहीं पाया जाता है |ठोस अधातुएँ भंगुर होती है |
4) तन्यता - अधातुओ में तन्यता का गुण नहीं पाया जाता है |अ्थात इसका तार नहीं बनाया जा सकता है |
5) विधुत का चालन - अधातुएँ विधुत का कुचालक होती है |
अपवाद , ग्रेफाइड अधातु है लेकिन ये विधुत का सुचालक होती है |
6) घनत्व - सामा्यतः अधातुओ के घनत्व निम्न अर्थात कम होता है |
7) गलनांक एवं क्वथनांक - अधातुओ के गलनांक एवं क्वथनांक कम होता है |
8) अवस्था - अधातुएँ प्रायः ठोस या गैस के रूपें होता है |
9) ऊष्मा का चालन - अधातुएँ प्रायः ऊष्मा की कुचालक होती है |
10) धात्विक ध्वनि - अधातुओ में धात्विक ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है |
अधातुओ के रसायनिक गुण : -
1) अधातुएँ प्रायः विधुत ऋणात्मक होती है |
2) वायु या ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया - अधातुओ को वायु या ऑक्सीजन में जलाने पर वे ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर अम्लीय ऑक्साइड बनाती है |
3) जल के साथ अभिक्रिया - अधातुएँ प्रायः जल से अभिक्रिया नहीं करी है |
4) अम्लों के साथ अभिक्रिया - अधिकांश अधातुएँ अम्ल से अभिक्रिया नहीं करती है |और जो अधातुएँ अम्ल से अभिक्रिया करती है वे अम्लों से हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करती है |
5) अधातुओ की क्षारक की अभिक्रिया काफी जटिल होती है|
अधातुओ के उपयोग : -
हमारे दैनिक जीवन में अधातुओ का उपयोग कृषि
और उधोगो में बड़े पैमाे पर हुआ है |वायुमंडल का निर्माण अधातुओ और उसके यौगिकों
से हुआ है |वायु पृ्वी पर सभी जैविक क्रियाओं के लिए अनिवार्य है |यह जीवो के श्वशन का एक माध्यम है |हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना यौगिक जल अ्यंत ही उपयोगी है |
इसके आलावा भी कुछ अन्य उपयोग मह्वपूर्ण है : -
1) यौगिकों के निर्माण में - सिलिका ,अमोनिया ,नाइट्रिक अम्ल ,सल्फ्यूरिक अम्ल आदि को बनाने में अधातुओ का मह्वपूर्ण योगदान है |
2) दवाओं के निर्माण में - अधातुओ का उपयोग जैसे गंधक नाइट्रोजन , आदि का उपयोग दवा बनाने में होता है | ब्रोमीन का उपयोग कीटाणुनाशक बनाने में होता है तथा अन्य अधातुओ का भी उपयोग दवा के निर्माण में होता है |
3) उधोगो में - अधातुओ एवं उसके यौगिकों का उपयोग बड़े पैमाने पर उधोगो में होता है है |
जैसे फोटोग्राफी - उधोग में सिल्वर आयोडाइड बनाने में आयोडीन का उपयोग होता है |रंग उधोग में गंधक , नाइट्रोजन , ब्रोमीन आदि का उपयोग किया जाता है |
4) उर्वरक के रूप में - नाइट्रोजन के यौगिक , अमोनियम नाइट्रेट , अमोनियम सल्फेट , अमोनियम फास्फेट आदि का उपयोग उर्वरक के रूप में होता है |
5) विस्फोटक के निर्माण में - नाइट्रिक अम्ल का उपयोग नाइट्रोग्लिसरीन और TNT नामक विस्फोटक के निर्माण में होता है |फास्फोरस का उपयोग आतिशवाजी के सामान बनाने में होता है |
6) रॉकेट ईंधन में - आजकल द्रवीभूत ऑक्सीजन का उपयोग रॉकेट ईंधन में होता है |
7) रेफ्रिजरेशन में - अमोनिया सुगमता पूर्वक द्रवीभूत हो जाता है तथा द्रवित अमोनिया के वाष्पन से ठंडक महसूस होती है इसलिए इसका उपयोग रेफ्रिजरेशन में होता है |
8) अभिकर्मक के रूप में - प्रयोगशाला में नाइट्रोजन , आयोडीन आदि का प्रयोग अभिकर्मक के रूप में होता है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें